झारखंड के अस्पतालों को क्यों नहीं मिल रहा आयुष्मान योजना का पैसा? यहां अटका पेच
एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया के पदाधिकारियों ने बताया कि पैसे के अभाव में अस्पताल उपकरण की खरीदारी नहीं कर पा रहे हैं। इससे मरीजों का इलाज और ऑपरेशन प्रभावित हो रहा है।

आयुष्मान जन आरोग्य योजना के तहत मिलने वाली स्वीकृत राशि के भुगतान में देरी से निजी अस्पताल परेशान हैं। कई बड़े निजी अस्पतालों का पिछले तीन महीने से कोई भुगतान नहीं हुआ है। जबकि, राज्य के लगभग 212 निजी अस्पतालों को पिछले एक साल से कोई भुगतान नहीं किया गया है। इस कारण मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है।
एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया के पदाधिकारियों ने बताया कि पैसे के अभाव में अस्पताल उपकरण की खरीदारी नहीं कर पा रहे हैं। इससे मरीजों का इलाज और ऑपरेशन प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि इसे लेकर एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया के पदाधिकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी से मुलाकात की। उन्होंने जानकारी दी कि पिछले तीन महीने से अस्पतालों को योजना की स्वीकृत राशि का भुगतान नहीं हुआ है। इससे वे गंभीर आर्थिक संकट में हैं और भविष्य में योजना संचालन पर भी संकट मंडरा रहा है।
इसके गंभीर प्रभाव के रूप में हजारीबाग जिला के सभी निजी अस्पतालों ने मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना को बंद कर दिया है, जिससे गरीब और पिछड़े वर्ग के मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कहा कि भुगतान नहीं होने से अस्पतालों को उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाएं देने में कठिनाई हो रही है। कई जगहों पर बंदी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। बैठक में यह भी बताया गया कि टीएमएस 2.0 पोर्टल, जिससे भुगतान किया जाता है, उसके शुरू होने के बाद से ही भुगतान लगभग पूरी तरह से बंद हो गया है।
बड़ा संकट
➤एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया के पदाधिकारियों ने कहा कि पैसे नहीं मिलने से भविष्य में योजना संचालन पर भी संकट मंडरा रहा है।
इसलिए असर
➤कहा गया कि पैसे के अभाव में अस्पताल में उपकरण की खरीदारी नहीं कर पा रही है। इससे मरीजों के इलाज और ऑपरेशन प्रभावित हो रहे हैं।