‘ऋषियों की रक्षा के लिए श्रीराम ने किया था ताड़का-सुबाहु वध
शाहपुर पटोरी में चल रहे श्रीविष्णु महायज्ञ सह रामकथा में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। कथावाचिका दिव्यांशी जी ने भगवान राम के ताड़का-सुबाहु वध की कथा सुनाई। वहीं, कल्याणपुर के लदौरा...
शाहपुर पटोरी। बहादुरपुर पटोरी में चल रहे श्रीविष्णु महायज्ञ सह रामकथा में श्रद्धालुओं की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। रविवार को वृंदावन से पधारीं कथावाचिका सुश्री दिव्यांशी जी ने कहा कि ऋषि-मुनियों की रक्षा के लिए प्रभु श्रीराम ने ताड़का-सुबाहु का वध किया था। उन्होंने कहा कि राक्षसों की प्रताड़ना से दु:खी ऋषियों ने रक्षा के लिए मुनि विश्वामित्र से गुहार लगाई थी। उनके आग्रह पर ही भगवान राम ने ताड़का-सुबाहु वध किया। उन्होंने कहा कि विश्वामित्र श्रीराम व लक्ष्मण को राजा जनक के दरबार में सीता स्वयंवर में ले जा रहे थे। वन के रास्ते में पड़ी एक शिला देख श्रीराम को विश्वामित्र ने गौतम ऋषि द्वारा अपनी पत्नी अहिल्या को श्राप देने तथा शिला बनने की कथा सुनाई।
ऋषि की आज्ञा से श्रीराम ने अपने पैरों से शिला को स्पर्श किया तो अहिल्या प्रकट हो गईं और श्रीराम के पैरों से लिपट गईं। कार्यक्रम में प्रखंड प्रमुख सुरेश राय, हरिवंश राय, रामशंकर राय, अध्यक्ष संजीत कुमार राय, सचिव परमानन्द राय, कोषाध्यक्ष कृष्ण चंद्र सिंह , उमेश प्रसाद राय ,अशोक राय, अरविंद कुमार , रामजन्म राय ,कपली राय, रामप्रसाद राय ,दिनेश राय, मुखिया रेणु देवी, बलिराम सिंह, प्रणिता राय , सरोज राय आदि मौजूद थे। अष्टयाम महायज्ञ शुरू कल्याणपुर। लदौरा गांव में अष्टजाम महायज्ञ को लेकर रविवार को कलश शोभायात्रा निकाली गई। इस कलश शोभायात्रा में 151 कुमारी कन्याओं ने गांव स्थित बूढ़ी गंडक नदी से कलश में जल भरकर पूजा स्थल पर पहुंची। इसके बाद वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ महावीर स्थान लदौरा के परिसर में अष्टयाम महायज्ञ शुरू हुआ। मौके पर रणवीर कुमार, पप्पू कुमार, विनोद कुमार सिंह, प्रभात कुमार सहित स्थानीय लोग मौजूद थे।
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