भुरकुंडा लोकल सेल की कमान विस्थापितों को सौंपे प्रबंधन
भुरकुंडा में हुरूमगढ़ा में चार राजस्व गांव के विस्थापितों की बैठक हुई, जिसमें वक्ताओं ने कहा कि कोयलांचल के मूल रैयत-विस्थापित सीसीएल प्रबंधन की गलत नीतियों के कारण पलायन कर रहे हैं। उन्हें नौकरी,...

भुरकुंडा, निज प्रतिनिधि। भुरकुंडा लोकल सेल मसले पर रविवार को हुरूमगढ़ा में चार राजस्व गांव के विस्थापितों की बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता झरी मुंडा और संचालन ब्रह्मदेव मुर्मू ने किया। बैठक में वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि वर्तमान में कोयलांचल के मूल रैयत-विस्थापित उदासीनता दंश झेलने को मजबूर हैं। इसलिए बाध्य होकर पलायन कर रहे हैं। यह स्थिति सीसीएल प्रबंधन की दोषपूर्ण नीति के कारण उत्पन्न हुई है। वक्ताओं ने कहा कि उनकी जमीन पर ही सीसीएल कोयले का उत्पादन कर मुनाफा कमा रही है, उन्हें अब तक नौकरी और मुआवजा नहीं मिला। यही नहीं, अन्य सुविधाओं का लाभ भी प्रबंधन वैसे लोगों को दे रही है, जो विस्थापतों का चोला ओढ़ कर चाटुकारिता कर रहे हैं।
वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान में मूल रैयत-विस्थापितों का हक मारने वाले कुछ तथाकथित विस्थापित हैं, जो प्रबंधन की शह पर उनका हक मार रहे हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। यदि प्रबंधन ने भुरकुंडा लोकल सेल में उनकी भागीदारी और संचालन की जवाबदेही सुनिश्चित नहीं की तो वे आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। बैठक में संतोष मांझी, सिकंदर मुर्मू, सुनील मुंडा, विकास मुंडा, सूरज मुर्मू, राकेश मुंडा, पवन मुंडा, सुनील करमाली, राजेश महतो, रोहित मुंडा, छोटू बेदिया, जयवीर मुंडा, दिनेश मुर्मू, सुनील बेदिया, संजय सोरेन, अभिजीत आदि शामिल थे।
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