कर्तव्यों का पालन करने से मोह, लोभ, क्रोध व अहंकार होते हैं दूर: निर्माण शरण महाराज
करगहर, एक संवाददाता। ना मुंह और अहंकार से अलग नहीं किया जा सकता। भक्ति ही एकमात्र मोक्ष की प्राप्ति है। कर्तव्यों का पालन नहीं करने वाला व्यक्ति

करगहर, एक संवाददाता। जीवन में कर्तव्यों का पालन करने से मोह, लोभ, क्रोध और अहंकार जैसे विकार दूर हो जाते हैं। भागवत कथा में श्री कृष्णा अर्जुन को कर्म योग, ज्ञान योग और भक्ति योग का उपदेश देते हैं। उक्त बातें शनिवार को मोहनिया गांव में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा के दौरान निर्माण शरण जी महाराज ने कही। कहा कि फल की इच्छा किए बिना अपना कर्तव्य करें। क्योंकि कर्म ही पूजा है। ज्ञान योग की चर्चा करते हुए श्री कृष्ण ने कहा है कि आत्मा और परमात्मा कुछ समझे बिना मुंह और अहंकार से अलग नहीं किया जा सकता। भक्ति ही एकमात्र मोक्ष की प्राप्ति है। कर्तव्यों का पालन नहीं करने वाला व्यक्ति अपनी प्रतिष्ठा खो देता है। ऐसी स्थिति में मोह, लोभ, क्रोध और अहंकार दूर रहना चाहिए। कथा का आयोजन राकेश सिंह , उनकी पत्नी रिंकू देवी तथा बुआ विमला देवी द्वारा करायी गई थी। मौके पर खराड़ी मुखिया अरविंद कुमार सिंह, हरि प्रसाद सिंह, श्रीनाथ सिंह, मंटू सिंह, श्रवण सिंह, राघवेंद्र सिंह, घुघुली सिंह, कृष्णा सिंह,प्रमोद सिंह, हरेंद्र गुप्ता, चंदन पासवान,अजय सेठ,गोलू सिंह,अंकू सिंह, विनीत सिंह आदि थे।
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