Ramleela Performance Depicts Tadka s Defeat by Lord Ram बक्सर पहुंच प्रभु श्रीराम ने ताड़का वध कर ऋषि मुनियो का किया रक्षा, Sasaram Hindi News - Hindustan
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बक्सर पहुंच प्रभु श्रीराम ने ताड़का वध कर ऋषि मुनियो का किया रक्षा

सूर्यपुरा, एक संवाददाता। लिए राम और लक्ष्मण को मांगने उनके महल पहुंचते है। जहां महर्षि ने राजा दशरथ से कहा हे राजन ताड़का नाम की राक्षसी के आतंक से ऋषि मुनी भयभीत हैं। मुनी जब यज्ञ की शुरुआत करते हैं...

Newswrap हिन्दुस्तान, सासारामSat, 10 May 2025 05:56 PM
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बक्सर पहुंच प्रभु श्रीराम ने ताड़का वध कर ऋषि मुनियो का किया रक्षा

सूर्यपुरा, एक संवाददाता। सनातन धर्म संस्कृति प्रचारक रामलीला मंडली काशी से आये कलाकारों ने दूसरे दिन बाबा बंगालनाथ मंदिर परिसर में ताड़का वध की प्रस्तुति दिखाई। संचालक सूर्यपाल चौरसिया के निर्देशन मे कलाक़ारो ने रामलीला कि भव्य प्रस्तुति दिखाई। रामलीला मे जब ऋषि मुनी ताड़का नामक राक्षसी के आतंक से ग्रसित हो चुके थे तब महर्षि विश्वामित्र राजा दशरथ से यज्ञ की रक्षा के लिए राम और लक्ष्मण को मांगने उनके महल पहुंचते है। जहां महर्षि ने राजा दशरथ से कहा हे राजन ताड़का नाम की राक्षसी के आतंक से ऋषि मुनी भयभीत हैं। मुनी जब यज्ञ की शुरुआत करते हैं तो उक्त राक्षसी विघ्न उत्पन्न करती है।

हे राजन यज्ञ की रक्षा के लिए आपके जेष्ठ पुत्र राम और लक्ष्मण को लेने आया हूं। यह बात सुनते ही राजा दशरथ ने कहा- मुनिवर मेरे राम व लक्ष्मण बहुत कोमल व सुकुमार हैं, भला ताड़का जैसी राक्षसी का कैसे वध करेंगे। ऋषिवर मैं स्वयं आपके यज्ञ की रक्षा के लिए चलूंगा परन्तु राम व लक्ष्मण को नहीं जाने दूंगा। राजा दशरथ की बात सुन महर्षि विश्वामित्र क्रोधित हो गए और बोले कि मैं तुम्हारी अयोध्या को भस्म कर दूंगा। तभी वशिष्ठ मुनि आते हैं और विश्वामित्र को शांत कराते हुए राजा दशरथ को समझाते हैं कि राम लोक कल्याण के लिए अवतरित हुए हैं। इसलिए हे राजन उनको महर्षि विश्वामित्र के साथ जाने दीजिए। राजा दशरथ राम व लक्ष्मण को विश्वामित्र के साथ विदा करते हैं। भगवान राम बक्सर पहुंच ताड़का नाम की राक्षसी का वध करते हैं। एक दिन ताड़का के पुत्र सुबाहु और मारीच ऋषियों पर आक्रमण करने और यज्ञ में बाधा डालने के लिए आते हैं, तभी राम और लक्ष्मण अपने धनुष बाण से उनपर आक्रमण करते हैं। श्रीराम के धनुष बाणों से सुबाहु की मृत्यु हो जाती है और मारीच घायल हो जाता है। ताड़का वध के पश्चात ऋषि मुनियो के जय श्रीराम के उद्घोष से पूरा क्षेत्र खुशियों मे झूम उठता है। इस तरह ताड़का वध की मार्मिक कथा देख दर्शक भाव विभोर हो गये। लोग रामलीला मे इस कदर खो गये थे कि दर्शकों मे भी जय श्रीराम का नारा गूंज उठा।

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