भारत की शर्त मानने पर हुआ समझौता
भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम भारत की शर्तों पर हुआ है। भारत ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस दिखाते हुए कार्रवाई की है। पूर्व विदेश सचिव शशांक ने कहा कि भारत ने अपनी नीति स्पष्ट कर दी है कि...

- जानकारों ने कहा, आतंकवाद पर स्पष्ट नीति से कार्रवाई का रास्ता खुला नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम भारत की शर्तों पर हुआ है। भारत ने साफ कर दिया है कि वह आतंकवाद की कोई भी हरकत बर्दाश्त नहीं करेगा। भारत ने आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस दिखाते हुए पहलगाम के दोषियों को सजा देने के लिए सीमा पार कार्रवाई की। साथ ही यह भी साफ कर दिया कि उसका मकसद केवल आतंक के खिलाफ लड़ाई है। भारत ने पूरा संयम दिखाते हुए पाकिस्तान के उकसावे के बाद भी उसके रिहायशी इलाकों को निशाना नहीं बनाया।
साथ ही पूरी कार्रवाई को पाकिस्तान सेना के खिलाफ सीमित रखा क्योंकि पाक सेना भारतीय सैन्य अड्डों को निशाना बना रही थी। भारत ने अपनी ताकत भी दिखा दी। साथ ही शांति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को भी बरकरार रखा। इस पूरे घटनाक्रम में यह साफ हो गया कि भारत एक जिम्मेदार देश है। पूर्व विदेश सचिव शशांक ने कहा कि यह सशर्त संघर्ष विराम है। भारत ने अपनी शर्तों के आधार पर समझौता किया है। उन्होंने कहा, हमने आतंकवाद पर अपनी नीति घोषित कर दी है कि भविष्य में अगर कोई भी आतंकी घटना होती है तो हम इसे युद्ध मानकर एक्शन के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र हैं। शशांक ने कहा, हमने सिंधु जल समझौते और व्यापार पर लगी रोक भी नहीं हटाई है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने दोनों देशों के बीच समझौते को लेकर पाकिस्तान पर दबाव बनाया। अमेरिका को लग रहा था कि अगर पाकिस्तान को नहीं झुकाया तो रूस भारत के काफी करीब आ जाएगा। क्योंकि पुतिन का रुख पूरी तरह से भारत के साथ था। भारत अमेरिका का रणनीतिक साझेदार है। क्वाड में साथ है। ऐसे में अमेरिका को भारत भी पूरी तरह से नाराज नहीं करना चाहता था।
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