बोले काशी: अतिक्रमण हटे तो भक्त कमा सकें ‘परिक्रमा का पुण्य
Varanasi News - वाराणसी के मनसा देवी मंदिर में अतिक्रमण और गंदगी की समस्या भक्तों के लिए परेशानी का कारण बन गई है। परिक्रमा पथ के अभाव में भक्त अपनी श्रद्धा का प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। मंदिर के पास स्थित...
वाराणसी। पुराने मंदिरों पर कब्जा और अतिक्रमण का दर्द भक्तों को टीस देता है। वे कुछ कर नहीं पाते। कब्जा, अतिक्रमण हटाने के अनुरोध पर अतिक्रमणकारियों की भौंहें चढ़ जाती हैं। लिहाजा लोगबाग चुप हो जाते हैं और इसी दर्द के बीच ईश निष्ठा-श्रद्धा की परंपरा निभाते हैं। रामनगर गोला मंडी के पास स्थित मनसा देवी मंदिर के साथ कुछ ऐसा ही है। परिक्रमा करने की भक्तों की लालसा पूरी नहीं हो पाती, क्योंकि परिक्रमा पथ नहीं है। मंदिर के आसपास अतिक्रमण और गंदगी भी गंभीर समस्या बन चुकी है। रामनगर किला मार्ग पर स्थित मनसा देवी मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए भी दिनभर भक्तों का आना बना रहता है।
पर्व व त्योहारों पर यहां बहुत भीड़ हो जाती है। मंदिर का दूसरा निकास द्वार भी अतिक्रमण की चपेट में है। लोगों का कहना था कि भक्तों और श्रद्धालुओं की पीड़ा देखते हुए कई बार अतिक्रमण हटाने के लिए अफसरों से शिकायतें की गईं लेकिन आज तक सुनवाई नहीं हुई। के दोनों तरफ मंडी है। मंदिर परिसर में जुटे श्रद्धालु व आसपास के लोगों ने ‘हिन्दुस्तान से चर्चा में मंदिर व मंडी की स्थिति बताई। पुजारी सुधाकर मिश्र ने कहा कि यहां अतिक्रमण जैसे स्थायी समस्या बन चुका है। मंदिर के अगल-बगल और पीछे की ओर अतिक्रमण है। कई बार शिकायत की गई लेकिन सुनवाई नहीं हुई। अतिक्रमण के चलते श्रद्धालु मंदिर की परिक्रमा नहीं कर पा रहे हैं। कई दशक से यह समस्या बनी हुई है। त्यौहारों पर भीड़ नियंत्रण करने में काफी परेशानी होती है। अगर अतिक्रमण हटा दिया जाए तो श्रद्धालुओं को सुगमता होगी। परिक्रमा करने की तमन्ना भी पूरी हो जाएगी। नाग पंचमी के दिन दुर्ग से राज परिवार के लोग भी मंदिर में दर्शन करने पहुंचते हैं। असम के राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य जब भी बनारस आते हैं, तब इस मंदिर में मत्था टेकने जरूर पहुंचते हैं। वर्षों से बंद है पुस्तकालय मंदिर परिसर में ही मनसा देवी पुस्तकालय है, जहां कभी लोग अध्ययन करते थे। संस्था अभिनय विचार मंच के अध्यक्ष अमूल्य चंद्र सिन्हा ने बताया कि सन-1936 में मनसा देवी मंदिर परिसर में लाइब्रेरी स्थापित हुई थी। इसमें ऐतिहासिक और दुर्लभ पांडुलिपियां, बलवंतनामा जैसी अनेक पुस्तकों का संग्रह था। बताया कि लाइब्रेरी की तकरीबन चार बिस्वा जमीन थाना परिसर के पास है। इस पर दो लोग कथित मालिकाना दावा करके व्यापार कर रहे हैं उसे मुक्त कराया जाय और वहीं पर छात्रों-वरिष्ठजनों को पढ़ने के लिए लाइब्रेरी का निर्माण कराना जनहित में होगा। विनोद सिंह सहित वरिष्ठजनों ने मंदिर के विस्तरीकरण और लाइब्रेरी का नए स्थान पर निर्माण कराकर संरक्षण की गुहार भी लगाई। यह भी कहा कि अगर पुस्तकालय के कमरे को खोल दिया जाए तो परिक्रमा पथ की राह सुगम हो सकती है। कहा कि अब तो ऐसा लगता है कि इस पुस्तकालय में रखी पुस्तकों को दीमक चाट गए होंगे। अगर इसे खोलवाने का उपाय जनप्रतिनिधि या प्रशासन करवा दे तो भक्तों को काफी राहत हो जाएगी। मार्ग की हालत खराब मंदिर के दोनों ओर से मंडी में जाने वाले मार्ग की स्थिति बदहाल है। पैदल या वाहन किसी भी तरह से सुगमता से नहीं चला जा सकता। मंडी में किसी भी रास्ते से चलिए तो दूसरे रास्ते से आसानी से निकल सकते हैं। पुष्कर मौर्य, लक्ष्मी प्रसाद, सत्य नारायण साहनी, भगवान दास आदि का कहना है कि मंडी के मार्ग पर चल पाना आसान काम नहीं है। कुछ उपाय या मरम्मत नहीं होने से इसी रास्ते से गुजरने की मजबूरी हो गई है। इस संबंध में की गईं शिकायतें भी बेअसर हो जाती हैं। अन्य सुविधाओं की बात करना तो बेमानी जैसा होगा। अतिक्रमण का दर्द मंदिर के बाहर और मंडी में आने-जाने वाले मार्ग पर अतिक्रमण का भी दर्द है। मंदिर के सामने ठेले पर सामान बेचने वाले दिनभर डटे रहते हैं। मंडी का हाल यह है कि मंडी में दुकानों के आगे रखे सामान ग्राहकों व दुकानदार दोनों को कष्ट देते हैं। ग्राहक इसलिए कुछ नहीं बोल पाते कि उन्हें तो बस यहां से सामान ही खरीदना है, दुकानदार इसलिए नहीं बोलते कि उनका भी सामान बाहर रखा होता है। एक-दूसरे से कैसे इसकी शिकायत करें। विकास, भरतलाल, नूतन, पूजा ने कहा कि मंदिर के पास अतिक्रमण के चलते यहां आने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। यदि दुकानदार जागरूक हो जाएं और ठेले वालों के लिए कोई इंतजाम कर दिया जाए तो काफी राहत हो सकती है। इसके लिए जरूरी है कि गंभीरता से पहल की जाए। बिजली के तारों का जंजाल मनसा देवी मंदिर के पीछे चौराहे पर बिजली के तारों का जंजाल है। कभी भी किसी हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता। अवनीश कुमार, सत्य नारायण, दीपू कुमार ने कहा कि मंडी में सुविधाएं दुर्दशाग्रस्त हैं। इनके निदान के बारे में कोई पहल नहीं की जाती है। यह समस्या एक दिन की नहीं बल्कि वर्षों की है। बिजली के तारों के जंजाल को हटा देने से किसी अनहोनी की आशंका नहीं रहेगी। गंदगी से परेशानी इस मंडी में गंदगी बहुत है। नियमित सफाई नहीं होती। पंकज गुप्ता, सुशील कुमार कमलेश कुमार ने कहा कि यहां हर समय गंदगी पसरी रहती है। मंदिर के बाहर से लेकर मंडी के भीतर तक यही हाल है। दिनभर लोगों का आना-जाना बना रहता है। जब से यह क्षेत्र नगर निगम की परिधि में आया तो लगा कि सुविधाएं दुरुस्त हो जाएंगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अभी तक निगम की परिधि में आने का लाभ दिखा नहीं। मन की बात मंदिर के पास अतिक्रमण और कब्जे के चलते परिक्रमा पथ गुम हो गया है। पहले यहां श्रद्धालु-भक्त परिक्रमा करते थे। -पुजारी सुधाकर मिश्र मंदिर के पुस्तकालय को नया रूप देने की जरूरत है। पुस्तकालय को थाने के पास की भूमि पर स्थानांतरित किया जाए। -अमूल्य चंद्र सिन्हा पुस्तकालय वर्षों से खुला ही नहीं है। अब तो संभवत: ऐतिहासिक पुस्तकों को दीमक चाट भी गए होंगे। पहले लोग पढ़ते थे। -विनोद सिंह अतिक्रमण से बहुत परेशानी होती है। अतिक्रमण हटाने संबंधित सभी शिकायतें जैसे बेअसर हो गई हैं। सुनवाई नहीं होती। -विकास मंदिर के बाहर मुख्य मार्ग से लेकर मंडी के भीतर तक अतिक्रमण है। इसके चलते मार्ग भी संकरा दिखने लगता है। -भरतलाल मुख्य मार्ग पर अक्सर जाम का सामना करना पड़ता है। किसी काम के लिए निकलने पर जाम से बहुत परेशानी होती है। -नूतन गंगा पर बने पुल पर किसी वाहन के खराब होने पर जाम मनसा देवी मंदिर तक पहुंच जाता है। दिक्कत होती है। -पूजा मंदिर और आसपास बहुत गंदगी रहती है। नियमित सफाई नहीं होती। कभी कभी तो गंदगी से मन खिन्न हो जाता है। -भगवान दास किले से लेकर रामनगर चौक तक कहीं भी पेयजल का इंतजाम नहीं है। आरओ खराब पड़ा है। इससे दिक्कत होती है। -पंकज गुप्ता, किले से लेकर चौक तक अतिक्रमण का दंश तो है ही, गंदगी भी बहुत रहती है। नियमित सफाई होना जरूरी है। -सुशील कुमार मंदिर में बने पुस्तकालय को स्थानांतरित करने से इस स्थान का बेहतर उपयोग हो सकेगा। सभी को लाभ मिलेगा। -कमलेश गंदगी है, यहां बना एक शौचालय भी टूटा पड़ा है। इतनी दुर्गंध उठती है कि उधर से गुजरना मुश्किल हो जाता है। -सत्य नारायण सुझाव और शिकायतें सुझाव -मनसा देवी मंदिर में बने पुराने पुस्तकालय को रामनगर थाने के पास की जमीन पर स्थानांतरित किया जाए। -मंदिर के पीछे के कब्जे को हटवाया जाए ताकि मंदिर में परिक्रमा पथ पुन: बन सके, श्रद्धालुओं को राहत हो। -मंडी के सभी दुकानदार जागरूक हों और अतिक्रमण से बचें। इससे सभी को आने-जाने में सुगमता होगी। -किला से लेकर चौक तक पेयजल की समुचित व्यवस्था की जाए, इससे लोग राहत महसूस करेंगे। -मंदिर के बाहर से मंडी के भीतर सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने की जरूरत है। नियमित सफाई हो। शिकायतें -मनसा देवी मंदिर में बना पुराना पुस्तकालय वर्षों से बंद है। इसका उपयोग नहीं हो पा रहा है। इसे खोला जाए। -मंदिर के पीछे कब्जा और अतिक्रमण के चलते मंदिर में परिक्रमा पथ नहीं बन पा रहा है। -मंडी में दुकानों के पास अतिक्रमण की स्थिति रहती है। मार्ग संकरा हो गया है। आवागमन बाधित होता है। -किले से लेकर चौक तक पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं है, लोग अक्सर पीने के पानी के लिए परेशान होते हैं। -मंदिर के बाहर से मंडी के भीतर सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। नियमित सफाई नहीं की जाती है।
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