रंगारंग कार्यक्रम के बीच आज से शुरू होगा दो दिवसीय शेरशाह महोत्सव
(युवा पेज की लीड) जन नहीं हो पाया था। महोत्सव का मुख्य उद्देश्य जिले में पर्यटन को बढ़ावा देना है। शेरशाह से संबंधित ऐतिहासिक इमारतों एवं महत्वपूर्ण

सासाराम, नगर संवाददाता। जिला मुख्यालय सासाराम में पर्यटन विभाग एवं जिला प्रशासन रोहतास के संयुक्त तत्वाधान 21 व 22 मई 2025 को शेरशाह महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। मुख्य कार्यक्रम न्यू स्टेडियम, फजलगंज में आयोजित किया जाएगा। महोत्सव की तैयारियां को अंतिम रूप दिया जा रहा है। शेरशाह महोत्सव का उद्घाटन बुधवार शाम पांच बजे सूबे के पर्यटन मंत्री राजू कुमार सिंह द्वारा किया जाएगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रम संसाधन विभाग के मंत्री संतोष सिंह करेंगे। उल्लेखनीय है कि शेरशाह महोत्सव का आयोजन 2023 के बाद किया जा रहा है। 2024 में आम चुनाव के कारण 21-22 मई को आयोजन नहीं हो पाया था।
महोत्सव का मुख्य उद्देश्य जिले में पर्यटन को बढ़ावा देना है। शेरशाह से संबंधित ऐतिहासिक इमारतों एवं महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थलों की तरफ पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करना है। सासराम में शेरशाह का ऐतिहासिक मकबरा है, जिसे वास्तुकला में ताजमहल के समकक्ष माना जाता है। फिर भी यहां काफी कम पर्यटक आते हैं। शेरशाह के पिता हसन शाह और उसके बेटे सलीम शाह का भी यहां मकबरा है। जो ऐतिहासिक महत्व के हैं। इन्हीं सब की तरफ पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करने लिए शेरशाह महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इंडियन आइडल फेम की प्रस्तुति आज महोत्सव में 21 मई को इंडियन आइडल फेम रितिका राज और 22 मई को मशहूर सूफी गायक सलमान अल्तमश फरीदी के सुरों से महफिल सजेगी। महोत्सव में स्थानीय कलाकार भी अपनी प्रस्तुति देंगे। कार्यक्रम राष्ट्र निर्माण और राष्ट्रीय एकता थीम पर होगा। इस दो दिवसीय महोत्सव का मुख्य कार्यक्रम न्यू स्टेडियम फजलगंज में किया जाएगा। 2017 में हुआ था पहली बार आयोजन ज्ञात हो कि शेरशाह महोत्सव का आयोजन पहली बार मार्च 2017 के में किया गया था। उसके बाद प्रति वर्ष इसके आयोजन का निर्णय किया गया। पर्यटन विभाग द्वारा शेरशाह के संदर्भ में ऐतिहासिक महत्व की तिथि मांगी गई थी। तब जिला प्रशासन द्वारा 22 मई की तिथि का सुझाव दिया गया था। उल्लेखनीय है कि शेरशाह सूरी की मृत्यु 22 मई 1545 को हुई थी। उनकी मृत्यु कालिंजर के किले की घेराबंदी के दौरान हुई थी, जहां एक बारूद के विस्फोट में वे घायल हो गए थे। शेरशाह सूरी ने कालिंजर के किले को जीतने के लिए घेराबंदी की थी। जब घेराबंदी लंबी होने लगी, तो उन्होंने किले की दीवारों को उड़ाने के लिए बारूद का इस्तेमाल करने का फैसला किया। जब उनकी सेना ने हमला किया, तो एक गोला बारूद के ढेर में आकर गिर गया। इस विस्फोट में शेरशाह सूरी गंभीर रूप से घायल हो गए और 22 मई 1545 को उनकी मृत्यु हो गई। चुकि शेरशाह की जन्म तिथि को लेकर इतिसकारों में मतभेद है। इसलिए राज्य सरकार ने उनके पुण्यतिथि पर ही शेरशाह महोत्सव मनाने का निर्णय लिया।
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