Bihar Anganwadi Workers Demand Solutions for Online Reporting Issues डिजिटल रिपोर्टिंग से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को परेशानी, Sitamarhi Hindi News - Hindustan
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डिजिटल रिपोर्टिंग से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को परेशानी

सीतामढ़ी में आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन ने केंद्रीय मंत्री को आवेदन भेजकर ऑनलाइन रिपोर्टिंग में आ रही समस्याओं से अवगत कराया है। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न और बजट के अनुसार गुणवत्तापूर्ण...

Newswrap हिन्दुस्तान, सीतामढ़ीSat, 3 May 2025 03:36 AM
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डिजिटल रिपोर्टिंग से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को परेशानी

सीतामढ़ी। बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन के जिला संयोजक राम बुझावन यादव, जिलाध्यक्ष रेखा कुमारी ने केन्द्रीय मंत्री, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को आवेदन भेजकर ऑनलाइन रिपोर्टिंग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के हो रही परेशानी से अवगत कराते हुए समस्या का समाधान कराने का अनुरोध किया है। जिला संयोजक व जिलाध्यक्ष में मंत्री से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न तथा एफआरएस प्रणाली के माध्यम से लाभार्थियों को गैरकानूनी तरीके से सूची से हटाए जाने की प्रक्रिया को रोकने व बजट घोषणा के अनुसार टीएचआर व गर्म पके भोजन में गुणवत्तापूर्ण पूरक पोषण की निर्बाध आपूर्ति के लिए लागत मानदंडों में तत्काल वृद्धि करने की मांग की है।

उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन अवधि में बिना उचित तैयारी के जल्दबाजी में पोषण ट्रैकर ऐप तथा आंगनबाड़ी केंद्रों में डिजिटल रिपोर्टिंग लागू किए जाने के बाद से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं तथा लाखों लाभार्थियों को अनेकों समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऑनलाइन उपलब्ध डेटा एवं वास्तविक जमीनी स्थिति में भी विसंगतियां हैं। केंद्र से अनुदान रुकने के अप्रत्यक्ष भय के कारण, राज्यों के महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित कर रहे हैं तथा एफआरएस में किसी भी कारण से विफलता की स्थिति में उन्हें नौकरी से हटाने की धमकियां दे रहे हैं। ऑनलाइन रिपोटिंग में मोबाइल तथा नेटवर्क संबंधी अनेक समस्याएं हैं। पोषण अभियान के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मोबाइल फोन दिए गए थे, लेकिन इनकी गुणवत्ता अत्यंत निम्न स्तर की थी। छह माह के भीतर ये फोन पूरी तरह अनुपयोगी हो गए। कार्यकर्ताओं के निजी फोन भी सामान्य क्षमता के हैं, और ऐप उनमें भी ठीक से काम नहीं करता। नए मोबाइल उपलब्ध कराने के बजाय, भारत सरकार के दबाव में काम कर रहे अधिकारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हुए अपने खर्चे पर नए फोन खरीदने तथा कार्य ठीक से करने के लिए दवाब बना रहे हैं। डिजिटलीकरण की शुरुआत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के कार्यभार को कम करने के लिए की गई थी, लेकिन अब यह उनके लिए एक समस्या बन गई है। यूनियन ने विभागीय मंत्री से एफआरएस प्रमाणीकरण की अनिवार्यता को तत्काल स्थगित करने, आंगनबाड़ी रिपोर्टिंग प्रणाली के डिजिटलीकरण से पूर्व सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में कंप्यूटर, लैपटॉप, टैब उपलब्ध कराने, केंद्रों में नि:शुल्क वाई-फाई कनेक्शन उपलब्ध कराया, उच्च गुणवत्ता वाले मोबाइल सेट उपलब्ध कराने आदि मांग की है।

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