किसानों को आधुनिक तकनीक से खेती करने की दी जानकारी
सीतामढ़ी में खरीफ कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। किसानों को आधुनिक खेती और सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई। डीएम रिची पांडेय ने कृषि अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों को उचित मूल्य...

सीतामढ़ी, हमारे प्रतिनिधि। जिला स्तरीय खरीफ कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन समाहरणालय स्थित परिचर्चा भवन में किया गया। शुक्रवार से जिले में खरीफ महाअभियान 2025 शुरू किया गया। इस दौरान किसानों को आधुनिक तकनीक की खेती और सरकार की ओर से उनके हित में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई। इसके बाद अब प्रखंडों में इसका आयोजन किया जाएगा। साथ ही पंचायतों में चौपाल लगाया जाएगा। कार्यक्रम का उदघाटन डीएम रिची पांडेय, संयुक्त निदेशक पौधा संरक्षण डॉ. प्रमोद कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी ब्रजेश कुमार, वरीय सह प्रधान वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र डॉ. राम ईश्वर प्रसाद ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला कृषि पदाधिकारी ब्रजेश कुमार ने किया। डीएम ने कृषि पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों को बीज एवं उर्वरक पारदर्शी तरीके से और ससमय उचित मूल्य पर उपलब्ध कराएं। साथ ही उर्वरक की कालाबाजारी का सतत निगरानी करें। सॉयल फर्टिलिटी मैप के आधार पर किसानों को उर्वरक प्रयोग करने की अनुशंसा की जाए। किसानों को बायो फर्टिलाइजर, प्राकृतिक खेती की जानकारी, फेरोमैन ट्रैप से होने वाले लाभ को किसानों के बीच अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करें। जिससे कि फर्टिलाइजर इंसेक्टीसाइड एवं पेस्टिसाइड का कम से कम प्रयोग हो सके। सभी लोग अपने-अपने फील्ड में राजकीय नलकूप की समीक्षा करें और खराब पड़े राजकीय नलकूप को लघु सिंचाई विभाग के पदाधिकारी से संपर्क कर सुधार करवाये। जंगली जानवर से फसल सुरक्षा के लिए किसानों को पंचायत के मुखिया एवं वन विभाग से संपर्क कर आवेदन करने एवं इस संबंध में जो प्रक्रिया है उसकी जानकारी किसानों को दें। अधिकारियों को योजनाओं की दी गई जानकारी : जिला कृषि पदाधिकारी ने जिला से लेकर प्रखंड एवं पंचायत स्तरीय पदाधिकारी एवं प्रगतिशील किसानों को कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी। कहा कि जिला स्तर पर लक्ष्य निर्धारण, उसकी प्राप्ति, प्रशासनिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण के माध्यम से कृषि प्रसार पदाधिकारी एवं कर्मियों को तकनीकी क्षमता के विकास पर जानकारी उपलब्ध कराया। प्राकृतिक खेती के लिए करें जागरूक : नोडल पदाधिकारी सह संयुक्त निदेशक पौधा संरक्षण डॉ. प्रमोद कुमार ने कहा कि खरीफ मौसम में उगने वाली फसलों को शारदीय फसल के नाम से भी जाना जाए। कृषि में विविधीकरण एवं प्राकृतिक खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित एवं जागरूक किया जाए। किसानों को मोटे अनाज की खेती के लिए मोटिवेट करें। इसमें न्यूट्रिटिव वैल्यू अधिक रहता है। यह स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभप्रद होता है। जलवायु अनुकूल खेती को बढ़ावा दे : कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय सह प्रधान वैज्ञानिक डॉ. राम ईश्वर प्रसाद ने जैविक खेती, प्राकृतिक खेती एवं जलवायु अनुकूल खेती को बढ़ावा देने के कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दिया। जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक, डीडीएम नाबार्ड सहायक निदेशक उद्यान, सहायक निदेशक रसायन, सहायक निदेशक पौधा संरक्षण, सहायक निदेशक शस्य, सभी अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, उप परियोजना निदेशक आत्मा, सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण, जिला परियोजना प्रबंधक जीविका, केवीके.पुपरी से शस्य वैज्ञानिक एवं पौध संरक्षण वैज्ञानिक, सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी, उद्यान पदाधिकारी, सभी सहायक तकनीकी प्रबंधक, सभी कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकार के साथ-साथ प्रगतिशील किसान उपस्थित थे।
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