जिले में धर्मगुरुओं ने संभाली बाल विवाह की रोकथाम की कमान
सीवान, हिन्दुस्तान संवाददाता।क्ट्रेट के सभागार में जिला आपूर्ति टास्क फोर्स की बैठक डीएम की अध्यक्षता में हुई। बैठक में डीलर्स एसोसिएशन के अध्य

सीवान, हिन्दुस्तान संवाददाता। जिले में बाल अधिकारों की सुरक्षा व बाल विवाह की रोकथाम के लिए जागरुकता अभियान चलाया गया। अक्षय तृतीया और शादी-ब्याह के मौसम को देखते हुए बाल विवाहों की रोकथाम के लिए विभिन्न धर्मों के विवाह संपन्न कराने वाले पुरोहितों के बीच चलाए जा रहे जागरूकता अभियान को व्यापक सफलता मिली है। बहरहाल, स्व. कन्हाई शुक्ला सामाजिक सेवा संस्थान के सचिव सुधीर कुमार शुक्ला ने बताया कि इस अभियान को धर्मगुरुओं का सहयोग व समर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष अक्षय तृतीया जिले में एक भी बाल विवाह नहीं होगा। उन्होंने बताया कि बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए देश में नागरिक, समाज, संगठनों के सबसे बड़े नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) की सहयोगी संगठन स्व. कन्हाई शुक्ला सामाजिक सेवा संस्थान ने अक्षय तृतीया और शादी-ब्याह के मौसम को देखते हुए बाल विवाहों की रोकथाम के लिए विभिन्न धर्मों के विवाह संपन्न कराने वाले पुरोहितों के बीच चलाए जा रहे जागरुकता अभियान चलाया है। उन्होंने बताया कि बाल विवाह किसी पंडित, मौलवी या पादरी जैसे पुरोहित के बिना संपन्न नहीं हो सकता। इसे देखते हुए बाल विवाह के खिलाफ अभियान से जोड़ने का फैसला किया गया। ज्यादातर लोगों को यह पता नहीं कि यह बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध है। इसमें किसी भी रूप में शामिल होने या सेवाएं देने पर दो साल की सजा व जुर्माना या दोनों हो सकता है। इसमें बाराती व लड़की के पक्ष के लोगों के अलावा कैटरर, साज-सज्जा करने वाले डेकोरेटर, हलवाई, माली, बैंड बाजा वाले, मैरेज हाल के मालिक व यहां तक कि विवाह संपन्न कराने वाले पंडित व मौलवी को भी अपराध में संलिप्त माना जाएगा, उन्हें सजा व जुर्माना हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसीलिए हमने धर्मगुरुओं और पुरोहित वर्ग के बीच जागरूकता अभियान चलाने का फैसला किया है। इसका सकारात्मक नतीजों यह देखने को मिल रहा कि इस अक्षय तृतीया पर जिले में एक भी बाल विवाह नहीं होने पाएगा। जिले में तमाम मंदिरों-मस्जिदों के आगे ऐसे बोर्ड लगे हुए जिन पर स्पष्ट लिखा है कि यहां बाल विवाह की अनुमति नहीं है। उन्होंने बताया कि जेआरसी 2030 तक देश से बाल विवाह खत्म करने के मकसद से चाइल्ड मैरिज फ्री इंडिया कैम्पेन चला रहा है। अबजक जिले में लगभग 700 से अधिक बाल विवाह रुकवाए गए हैं।
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