बिहार में खुलेगा सांख्यिकी प्रशिक्षण संस्थान, हर जिले में डाटा सेंटर; नीतीश सरकार ने केंद्र से मांगे 650 करोड़
- बिहार सरकार ने केंद्र सरकार से इन संस्थानों के निर्माण के लिए तकनीकी सहायता के साथ ही 650 करोड़ देने का अनुरोध किया है। पिछले दिनों दिल्ली में आयोजित देशभर के योजना मंत्रियों के सम्मेलन में बिहार ने यह मांग की है। बिहार से इस सम्मेलन में ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव शामिल हुए।

बिहार में कोलकाता की तर्ज पर राज्य सांख्यिकी प्रशिक्षण संस्थान खोले जाएंगे। सभी 38 जिले और 534 प्रखंडों में आधारभूत आईटी संरचना के निर्माण और आंकड़ों को डिजिटल रूप में संग्रहण, संकलन और संधारण के लिए डाटा सेंटर बनेगा। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से इन संस्थानों के निर्माण के लिए तकनीकी सहायता के साथ ही 650 करोड़ देने का अनुरोध किया है। पिछले दिनों दिल्ली में आयोजित देशभर के योजना मंत्रियों के सम्मेलन में बिहार ने यह मांग की है। बिहार से इस सम्मेलन में ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव शामिल हुए।
मंत्री ने कहा कि बिहार में राज्य सांख्यिकी प्रशिक्षण की आवश्यकता है, ताकि बिहार सांख्यिकी सेवाओं, अधीनस्थ सेवाओं और अंतर-विभागीय अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण सुगमता से हो सके। इसके लिए प्रशिक्षणार्थियों के लिए छात्रावास, संस्थान के लिए आवश्यक कक्ष, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, पुस्तकालय आदि मद में 150 करोड़ खर्च होंगे।
सांख्यिकी तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए सभी जिले और प्रखंडों में डाटा सेंटर के निर्माण पर 500 करोड़ खर्च होने का अनुमान है। इन दोनों संस्थानों के निर्माण पर केंद्र सरकार से सहयोग मांगा गया है। बिहार ने अब तक 34 एसडीजी स्टेट इंडेक्स का निर्माण किया है। इसकी निगरानी के लिए डैशबोर्ड गठित की गई है।
बिहार भी कर रहा अभिनव कार्य
मंत्री ने कहा कि नीति निर्धारण, योजनाओं का कार्यान्वयन, शोध व निर्णय लेने में सहयोग के उद्देश्य से राज्य के विभिन्न विभागों के सार्वजनिक और आधिकारिक आंकड़ों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रदर्शित करने के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट की स्थापना की जा रही है। इस मद में 125 करोड़ की राशि केंद्र सरकार से अपेक्षित है। विकसित भारत 2047 को ध्यान में रखते हुए बिहार में सांख्यिकी तंत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए सांख्यिकी कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय वित्तीय और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराती है। साथ ही राज्य सरकार भी अपने कोष से राज्य में सांख्यिकी क्षमताओं में सुधार के लिए कई अभिनव कार्य कर रही है।