IIT Patna and Bihar Disaster Management Department working on Pilot project to protect from effects of Thunder ठनका से बचाएगा यह लॉकेट, IIT पटना और बिहार आपदा विभाग का प्रोजेक्ट मंजूर; डिवाइस कैसे काम करेगा जानें , Bihar Hindi News - Hindustan
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ठनका से बचाएगा यह लॉकेट, IIT पटना और बिहार आपदा विभाग का प्रोजेक्ट मंजूर; डिवाइस कैसे काम करेगा जानें

प्रस्तावित एमओयू का ड्राफ्ट भी पेश किया गया, जिसे प्राधिकरण ने थोड़े फेरबदल के बाद स्वीकार कर लिया।पायलट प्रोजेक्ट के रूप में आईआईटी, पटना द्वारा अभी 10 हजार पीस बनाए जाएंगे। यह सैटेलाइट से जुड़ेगा।

Sudhir Kumar हिंदुस्तान, पटनाSat, 9 Dec 2023 09:35 AM
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ठनका से बचाएगा यह लॉकेट, IIT पटना और बिहार आपदा विभाग का प्रोजेक्ट मंजूर; डिवाइस कैसे काम करेगा जानें

वज्रपात यानि ठनका से हर साल लाखों लोगों की जान चली जाती है। इसकी मार से लोगों को बचाने के लिए बिहार आपदा प्रबंधन विभाग और आईआईटी पटना मिलकर एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। एक लॉकेट बनाया जा रहा है जिसे पहनने से ठनका के प्रभाव से बचाव हो सकेगा। यह इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (लॉकेट) अन्य आपदाओं से भी रक्षा करेगा। इसके लिए बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) पटना के साथ हाथ मिलाया है। दोनों मिलकर उन बेशकीमती जानों को बचाएंगे, जो वज्रपात यानी ठनके की वजह से असमय काल के गाल में समा जाते हैं। सरकार से इस उपकरण को मंजूरी मिल गई है। यह डिवाइस सेटेलाइट से सीधे जुड़ा होगा।

बिहार राज्य प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ उदय कांत मिश्र सहित अन्य अधिकारियों ने शुक्रवार को इस उपकरण की प्रस्तुति देखी। प्राधिकरण के सभा कक्ष में आईआईटी पटना के आईटी विभाग के प्रोफेसर राजीव कुमार और उनकी टीम ने प्रस्तुति दी। साथ ही प्रस्तावित एमओयू का ड्राफ्ट भी पेश किया, जिसे प्राधिकरण ने थोड़े फेरबदल के बाद स्वीकार कर लिया। इस अवसर पर प्राधिकरण के सदस्य पीएन राय और मनीष कुमार वर्मा भी उपस्थित रहे। 

उपग्रह और सर्वर से जुड़ा होगा

पायलट प्रोजेक्ट के रूप में आईआईटी, पटना द्वारा अभी ऐसे 10 हजार पीस बनाए जाएंगे। यह एक ओर सैटेलाइट से तो दूसरी ओर आपदा प्रबंधन के सर्वर से जुड़ा होगा। डिवाइस धारण करने वाले व्यक्ति को आपादा के संकेत मिलेंगे और वह अपने आपको सुरक्षित कर लेगा। पायलट प्रोजेक्ट सफल होने के बाद इसके पेटेंट और मास प्रोडक्शन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

बीएसडीएमए की पहल पर आईआईटी, पटना के विशेषज्ञ शरीर पर धारण करने योग्य यंत्र (वियरेबल थर्मोइलेक्ट्रिक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस) बनाएंगे, जिससे आपदाओं के प्रभाव को कम किया जा सकेगा और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। यह एक पेंडेंट यानी लॉकेट के आकार का होगा। छोटा-सा यह पेंडेंट आने वाले समय में लाखों जिंदगियों को बचाने में कारगर साबित होगा क्योंकि आनेवाले समय में वज्रपात की घटनाएं बढ़ने का ही अंदेशा है।