डॉक्टर रहे सुनील कुमार बने नीतीश सरकार में मंत्री, बना चुके हैं भोजपुरी फिल्में
बिहारशरीफ से बीजेपी विधायक सुनील कुमार को नीतीश कैबिनेट में जगह मिली है। वह डॉक्टर रह चुके हैं। इसके अलावा भोजपुरी फिल्में भी बना चुके हैं।
नीतीश कैबिनेट विस्तार में बिहार के नालंदा जिले की बिहारशरीफ सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक डॉ. सुनील कुमार को मंत्री बनाया गया है। डॉक्टर से राजनेता बने सुनील कुमार साल चार बार के विधायक हैं। वह फिल्मी दुनिया में भी नाम कमा चुके हैं। उन्होंने तीन भोजपुरी फिल्मों का निर्माण किया है। सुनील कुमार 2005 में पहली बार बिहारशरीफ सीट से जीतकर विधायक बने थे। हालांकि, इसके पहले दो बार वे निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ चुके थे। लेकिन, नीतीश कुमार के साथ आने के बाद ही उन्हें सफलता हाथ तब लगी।
नीतीश का साथ मिलने से पहले सुनील कुमार की छवि बिहारशरीफ समेत नालंदा जिले के कुशवाहा नेता के रूप में थी। उनकी यह छवि आज भी बरकरार मानी जाती है। साल 2005 में लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाने वाले नामचीन राजद नेता सैयद नौशादुन्नबी उर्फ पप्पू खान को हराकर उन्होंने जीत दर्ज की थी।
सुनील कुमार वर्ष 2005 और 2010 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू के टिकट पर लड़े और दोनों बार विजयी रहे। 2013 में जदयू ने भाजपा के साथ 17 साल पुराना गठबंधन तोड़ा, तो वे नीतीश की पार्टी छोड़कर बीजेपी में आ गए। इसके बाद उन्होंने बिहारशरीफ से 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव भाजपा के टिकट पर लड़ा और जीत हासिल की।
शिक्षा और व्यक्तिगत जीवन :
20 जनवरी 1957 को नालंदा जिले में जन्मे सुनील कुमार ने एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की और राजनीति में आने से पहले डॉक्टर के रूप में प्रैक्टिस कर रहे थे। उनकी पत्नी का नाम संगीता देवी है।
फिल्म निर्माण में रुचि :
राजनीति के अलावा सुनील कुमार फिल्म निर्माण में भी सक्रिय हैं। 2006 में उन्होंने भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा। अब तक तीन भोजपुरी फिल्मों का निर्माण कर चुके हैं। फिल्मी दुनिया में भी उनका नाम फिल्म वितरक के रूप में प्रसिद्ध है।
सुनील कुमार अपने कार्यकाल के दौरान प्रशासनिक मामलों में सतर्कता और पारदर्शिता के लिए जाने जाते हैं। उनकी गहरी राजनीतिक पकड़ और जन समर्थन उन्हें क्षेत्र में एक मजबूत नेता बनाती है। वे योजनाओं के क्रियान्वयन में कड़क स्वभाव वाले माने जाते हैं।