सुपौल : लग्जरी वाहन चोरों के आंतक से वाहन मालिकों में दहशत
सुपौल में चोरों की हिम्मत बढ़ती जा रही है। अब वे कारों से चोरी कर रहे हैं। पिछले डेढ़ महीने में दो लग्जरी स्कॉर्पियो की चोरी हुई है, जो सीसीटीवी में कैद हुई। पुलिस इन मामलों में कोई कार्रवाई नहीं कर...

सुपौल, हिन्दुस्तान संवाददाता। जिले में चोरों के हौसले दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं। चोर अब हाईटेक हो गये हैं, अब वो पैदल या बाइक से चोरी की घटना को अंजाम देने नहीं बल्कि कार से चोरी की घटना को अंजाम देने पहुंच रहे हैं। बीते डेढ़ महीने में दो लग्जरी वाहन स्कॉर्पियो चोरी की घटना में सीसीटीवी कैमरे में कैद करतूत से इसका खुलासा हुआ है। दोनों मामले सदर थाना क्षेत्र में ही घटी है। बावजूद पुलिस केस दर्ज कर चोरी के वाहन को ढूंढ पाना तो दूर गिरोह का भी पता नहीं लगा पाई है। इससे शहरवासी पुलिस की सजगता पर सवाल उठा रहे हैं।
वाहन मालिकों का कहना है कि पुलिस वाहन चोरी का केस दर्ज कर भूल जाती है। इससे चोरों का हौसले बुलंद हैं। वहीं वाहन चोर गिरोह के आतंक से वाहन मालिक दहशत में हैं। जिले में लग्जरी वाहन चोरी के ट्रेंड ने वाहन मालिकों की टेंशन बढ़ा दी है। हाल यह है कि कई वाहन मालिक को अब घर के आगे लग्जरी वाहन खड़ी कर सेफ्टी के लिहाज से वाहन में जंजीर तक लगाना शुरू कर दिया है। पुलिस सूत्रों की मानें तो वाहन चोर गिरोह के सदस्य फर्जी नंबर प्लेट लगाकर चोरी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। चोरी के वाहन का शराब तस्करी में फर्जी नंबर प्लेट लगाकर करते हैं। पत्रकार की स्कॉर्पियो चुराई, नहीं मिला सुराग: सदर थाना क्षेत्र के सुकुमारपुर से चोरों ने 11 मार्च को स्कॉर्पियो चुरा ली। यह जिले से लग्जरी वाहन चोरी की पहली घटना थी। इस घटना में भी चोर गिरोह के सदस्य कार से चोरी करने आए थे। वारदात को अंजाम देने के बाद कार आगे-आगे स्कॉट करते हुए निकला। पूरा वाकाया सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ। घटना की जांच के बाद पुलिस पूरी तरह हाथ खड़ी कर चुकी है। डेढ़ महीने बाद भी चोरी गये स्कॉर्पियो का पता नहीं चल पाया। हैरानी की बात तो यह है कि पुलिस चोर को पकड़ने के बजाय मामले में पूरी तरह से हाथ खड़ा कर दी। जबकि संदग्धिों के इनपुट भी उपलब्ध कराया गया था। बावजूद पुलिस पूरे मामले में शिथिल बनी रही। तकनीकी जांच में भी पुलिस को घटनास्थल से पुलिस को ऐसा कुछ नहीं मिला जिससे की चोरों के गिरेबान तक पहुंच सके। यहीं नहीं सीसीटीवी फुटेज से भी कुछ खास उपलब्धि नहीं मिली। सूत्रों की मानें तो इस मामले में लोकल लोगों ने लाइजनर की भूमिका निभाई थी। पुलिस पिकेट से 100 मीटर दूरी से दूसरी स्कॉर्पियो चुराई: हाईटेक चोरों के आगे पुलिस बेबस नजर आ रही है। इसकी पुष्टि तब हुई जब 29 अप्रैल की रात शहर के पॉश इलाका कहे जाना लोहिया नगर से स्कॉर्पियो चोरी की दूसरी वारदात को अंजाम दिया। जहां से वार्ड 9 के ब्रह्मनारायण चौधरी की स्कॉर्पियो चुराई, वहां से महज 100 मीटर की दूरी पर पुलिस पिकेट है। इस घटना में भी चोर कार से चोरी करने आए थे। सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर कार पर जो नंबर लिखा था, वह पटना के उमेश चन्द्र गिरी के नाम से है। पुलिस ने छानबीन शुरू की तो पता चला कि जिस नंबर प्लेट का इस्तेमाल किया गया है, वह ब्लू रंग की गाड़ी है। उनकी गाड़ी वास्तविक वाहन मालिक के दरवाजे पर लगी हुई थी। इससे स्पष्ट है कि चोर गिरोह के सदस्य फर्जी नंबर प्लेट का इस्तेमाल कर लग्जरी वाहन चुराते हैं। सदर थानाध्यक्ष अनिरूद्ध कुमार ने बताया कि स्कॉर्पियो चोरी के बाद चोरों का पता लगाने में लगे हुए हैं, देखते हैं क्या कुछ आता है। उन्होंने कहा कि इस वारदात में तो ये भी पता नहीं चला कि चोरी के बाद चोर किधर से निकला। जानकार बताते हैं कि पुलिस को चकमा देने के लिए बायपास रूट से चोर आसानी से निकल गये।
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