ट्रंफ टैरिफ से बिहार के किसान टेंशन में, मखाना और लीची का निर्यात गिरने का खतरा
- अमेरिका में दूसरे देशों से आने वाले सामानों पर बढ़ाए गए टैक्स यानी ट्रंप के टैरिफ की वजह से बिहार के किसान परेशान हो सकते हैं। मखाना, लीची, आम और हल्दी जैसे मसालों की कीमतें वहां बढ़ने से निर्यात गिर सकता है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जवाबी शुल्क (टैरिफ) का असर बिहार के किसानों पर भी पड़ सकता है। व्यापारी कह रहे हैं कि मखाना, लीची, आम और हल्दी जैसे मसालों के निर्यात पर नए टैरिफ का असर होगा। बिहार से बड़े पैमाने पर अमेरिका और दूसरे देशों में मखाना, हल्दी, लीची, आम जैसे कृषि उत्पादों का निर्यात होता है। ट्रंफ के टैरिफ से इन चीजों की कीमतों में वहां इजाफा होगा। आशंका है कि इसका असर अमेरिका में इनके बाजार पर पड़ सकता है।
मखाना निर्यातक और पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स से जुड़े सत्यजीत सिंह के मुताबिक भारत से हर साल लगभग 600 टन मखाना अमेरिका निर्यात होता है। टैरिफ में बढ़ोतरी के बाद मखाना की कीमतों में उछाल आएगा। दाम बढ़ने के कारण वहां के बादाम और अखरोट से प्रतिस्पर्धा में यह पीछे रह सकता है और लोकप्रिय रहने के बावजूद अमेरिकी बाजार में मखाना अपनी पकड़ को खो सकता है। मांग घटी तो फिर निर्यात भी घटेगा। भारतीय आपूर्तिकर्ताओं को लागत में कटौती या वैकल्पिक बाजारों की तलाश करनी पड़ सकती है।
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बिहटा ड्राईपोर्ट के राकेश कुमार ने बताया कि इस वर्ष मखाना और हल्दी की खेप अमेरिका भेजी जा रही है। सीजन में लीची और आम भी भेजा जाता है। टैरिफ के बाद अमेरिका में इनकी कीमत ज्यादा होगी। यदि अमेरिका में मांग कम होती है तो निर्यात में गिरावट की आशंका है।
सप्लाई चेन बनाने के प्रारंभिक दौर में ही झटका
बिहार राज्य व्यावसायिक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय गुप्ता बताते हैं कि राज्य से बड़े पैमाने पर जर्दालु और मालदा आम तथा मुजफ्फरपुर की लीची का निर्यात अमेरिका होता है। बिहार में इस समय मौसमी फलों और सब्जियों के निर्यात के लिए आधारभूत संरचना तैयार हो रही है। कोल्ड सप्लाई चेन की व्यवस्था खड़ी हो रही है। बिहार के उत्पादकों और अमेरिका के उपभोक्ताओं के बीच आपूर्ति की पटरी बिठाई जा रही है। ऐसे मौके पर कीमत में बढ़ोतरी से पूरी शृंखला की लागत बढ़ेगी और इसके निर्यात पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
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कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कमल नोपानी ने कहा कि बिहार से अमेरिका जाने वाली चीजों में कला सामग्रियां भी शामिल है। मधुबनी पेंटिंग, सिक्की कला, कोहबर आर्टस पर तैयार कलाकृतियां अमेरिका को थोड़ी मात्रा में भेजी जा रही हैं। टैक्स बढ़ोतरी से इस सेगमेंट के उत्पादों के निर्यात में बाधा उत्पन्न हो सकती है।