भाजपा की नैया डांवाडोल है, उसके साथ नहीं जाऊंगा; मुकेश सहनी महागठबंधन की बैठक में जाएंगे
- वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने यह भी साफ कर दिया है कि वो फिलहाल महागठबंधन में ही बने रहेंगे। मुकेश सहनी ने यह भी कहा है कि 17 अप्रैल को पटना में महागठबंधन के नेताओं की होने वाली है और वो इस अहम बैठक में जाएंगे। मुकेश सहनी ने कहा कि महागठबंधन की बैठक होने वाली है उसमें सीटों पर विचार होगा।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि विकासशील इंसान पार्टी (VIP) चीफ मुकेश सहनी एनडीए के साथ जा सकते हैंं। यह कहा जा रहा था कि महागठबंधन का एक घटक दल बीजेपी के संपर्क में है और जल्द ही यह दल एनडीए का दामन थाम सकता है। अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट में कयास लगाए जा रहे थे कि विकासशील इंसान पार्टी ही महागठबंधन से अलग होकर एनडीए के साथ जा सकती है। लेकिन अब इस पर खुद वीआईपी चीफ मुकेश सहनी ने स्थिति साफ कर दी है।
वीआईपी चीफ ने अपनी पार्टी के एनडीए के साथ जाने की तमाम अटकलों पर फिलहाल पूरी तरह से विराम लगा दिया है। वीआईपी प्रमुख मुकेश साहनी ने स्पष्ट कहा है कि भाजपा की नैया डावाडोल है और मैं भाजपा के साथ नहीं जाऊंगा। मुकेश सहनी राजधानी पटना में आयोजित एक मिलन समारोह में मौजूद थे। इस मिलन समारोह में पूर्व आईपीएस नुरुल होदा ने वीआईपी की सदस्यता ग्रहण की।
इसी के साथ वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने यह भी साफ कर दिया है कि वो फिलहाल महागठबंधन में ही बने रहेंगे। मुकेश सहनी ने यह भी कहा है कि 17 अप्रैल को पटना में महागठबंधन के नेताओं की होने वाली है और वो इस अहम बैठक में जाएंगे। मुकेश सहनी ने कहा कि महागठबंधन की बैठक होने वाली है उसमें सीटों पर विचार होगा। बता दें कि गुरुवार को महागठबंधन की इस बैठक में भाकपा, माकपा, माले, राजद और कांग्रेस के नेता भी नजर आएंगे।
मुकेश सहनी ने कहा है कि वो कभी एनडीए में शामिल नहीं होंगे और महागठबंधन में रहकर ही अपनी लड़ाई लड़ेंगे। मुकेश सहनी ने कहा कि मेरे विधायक तोड़ लिए गए फिर भी मैं अपनी बात पर कायम रहा इसलिए अब एनडीए में जाने का सवाल ही नहीं उठता है। मुकेश सहनी ने आगे मीडिया से यह भी कहा कि इस बार INDIA अलायंस बिहार में मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगा और तेजस्वी के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनेगी।
यहां आपको बता दें कि मुकेश सहनी की वीआईपी साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के साथ थी। इस चुनाव में वीआईपी के चार विधायक जीते थे लेकिन बाद में वो बीजेपी में शामिल हो गए थे। मुकेश सहनी को एनडीए सरकार में मंत्री भी बनाया गया था। लेकिन बाद में उन्होंने नीतीश सरकार से इस्तीफा दे दिया था।