विदेशी बैंकों से लोन के लिए बात कर रहा अडानी समूह, क्या है प्लान, जानें डिटेल
- बता दें कि अडानी समूह की एयरपोर्ट कारोबार की शेयर बाजार में लिस्टिंग होने वाली है। इसका मतलब है कि निवेशकों को एयरपोर्ट इकाई के आईपीओ पर दांव लगाने का मौका मिलेगा।
गौतम अडानी समूह 750 मिलियन डॉलर के लिए कई बड़े बैंकों से बात कर रहा है। इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के मुताबिक अडानी समूह इस लोन के जरिए अपनी एयरपोर्ट इकाई का विस्तार करेगा। बता दें कि अडानी समूह की एयरपोर्ट कारोबार की शेयर बाजार में लिस्टिंग होने वाली है। इसका मतलब है कि निवेशकों को एयरपोर्ट इकाई के आईपीओ पर दांव लगाने का मौका मिलेगा। हालांकि, लिस्टिंग की डेडलाइन अब तक तय नहीं हो सकी है।
किन बैंकों से हो रही बात
ब्लूमबर्ग की खबर के मुताबिक अडानी समूह ऋणदाताओं के एक समूह से बात कर रहा है। इस समूह में बार्कलेज पीएलसी, फर्स्ट अबूधाबी बैंक पीजेएससी और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक पीएलसी शामिल हैं। इकाई का लक्ष्य मई की शुरुआत तक ऋण जुटाना है। सूत्रों ने बताया कि ऋण की अवधि संभवतः पांच वर्ष से कम होगी, हालांकि शर्तें अभी तय नहीं हुई हैं और इसमें बदलाव हो सकता है। इस मामले पर बार्कलेज पीएलसी और फर्स्ट अबू धाबी बैंक के प्रतिनिधियों ने तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की। स्टैंडर्ड चार्टर्ड और अडानी समूह ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
अडानी एयरपोर्ट के बारे में
समूह की कंपनी- अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड भारत भर में 7 प्रमुख हवाईअड्डों का प्रबंधन करती है और मुंबई के बाहरी इलाके में 2 बिलियन डॉलर के नए अंतर्राष्ट्रीय केंद्र के शुभारंभ के करीब है।
विदेशी ऋणदाता का बढ़ रहा भरोसा
अगर यह प्लान सफल होता है तो एक महीने से भी कम समय में दूसरी बार होगा जब अडानी समूह ऑफशोर फंड जुटाएगी। यह इस बात का संकेत है कि विदेशी ऋणदाता अब अडानी समूह को लोन देने में अधिक सहज हो रहे हैं। इस महीने की शुरुआत में अडानी ने एक ऑफशोर प्राइवेट प्लेसमेंट बॉन्ड के जरिए लगभग 750 मिलियन डॉलर जुटाए। उस डील में ब्लैकरॉक इंक ने लगभग एक तिहाई बॉन्ड खरीदे।