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कारोबार बंद होने से पाकिस्तान पर कितना होगा असर, क्या कहती है मूडीज की स्पेशल रिपोर्ट

भारत की अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन पाकिस्तान को काफी अधिक नुकसान हो सकता है। अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी कहा कि पाकिस्तान की विकास दर काफी दर तक प्रभावित होगी।

Drigraj Madheshia हिन्दुस्तान टीमTue, 6 May 2025 05:24 AM
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कारोबार बंद होने से पाकिस्तान पर कितना होगा असर, क्या कहती है मूडीज की स्पेशल रिपोर्ट

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कारोबार बंद कर दिया गया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे भारत की अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन पाकिस्तान को काफी अधिक नुकसान हो सकता है। अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी कहा कि पाकिस्तान की विकास दर काफी दर तक प्रभावित होगी।

मूडीज ने भारत-पाक के बीच बढ़ते तनाव और इसके संभावित असर पर सोमवार को विशेष रिपोर्ट जारी की। इसमें कहा गया कि भारत की आर्थिक गतिविधियों में कोई बड़ा व्यवधान उत्पन्न होने के आसार दिखाई नहीं देते, क्योंकि वर्तमान में भारत का पाकिस्तान के साथ आर्थिक संबंध सीमित है।

दोनों देश कुछ चुनिंदा क्षेत्रों में ही व्यापार करते हैं। वर्ष 2024 में भारत के कुल निर्यात में पाकिस्तान की हिस्सेदारी 0.5 प्रतिशत से भी कम रही। इससे साफ है कि व्यापार बंद होने से भारत की सेहत पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। भारत ने हाल ही में पाकिस्तान से सभी वस्तुओं के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस निर्णय से पाकिस्तान से भारत में माल की सभी आवक पूरी तरह से रुक जाएगी।

पाकिस्तान की स्थिति चिंताजनक

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के उलट पाकिस्तान की स्थिति चिंताजनक है। बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान की मौजूदा सरकार पर राजकोष से जुड़ी कई बाधाएं आएंगी। बीते कुछ समय से पाकिस्तान की आर्थिक विकास दर धीरे-धीरे बढ़ तो रही है लेकिन उसके पास विदेशी मुद्रा भंडार सीमित है।

विदेशी मुद्रा भंडार पर असर

भारत से तनाव और बढ़ने पर उसके विदेशी मुद्रा भंडार पर अभी असर दिखेगा और यह स्थिति से निपटने में नाकाफी साबित होगा। भविष्य में दूसरे देशों व अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं का ऋण भुगतान करने की दिशा में पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा भंडार आवश्यक स्तर से काफी कम है।

पाक को दिए कर्ज की जांच की मांग उठाएगा भारत

पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव बनाने की दिशा में भारत मजबूती से काम कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि भारत आईएमएफ सहित वैश्विक एजेंसियों और संगठनों द्वारा पाकिस्तान को दिए गए ऋण तथा धन की जांच करने की मांग रखेगा।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का कार्यकारी बोर्ड नौ मई को पाकिस्तानी अधिकारियों से मिलेगा। इस दौरान जलवायु परिवर्तन ऋण कार्यक्रम के तहत पाकिस्तान को 1.3 अरब अमेरिकी डॉलर की नई वित्तपोषण व्यवस्था का मूल्यांकन किया जाएगा। यह दल मौजूदा सात अरब अमेरिकी डॉलर के राहत पैकेज का भी मूल्यांकन करेगा।

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आयात-निर्यात की जाने वाली वस्तुएं

भारत से पाकिस्तान को कपास, ऑर्गेनिक केमिकल्स, सब्जियां, कॉफी, मसाले, रंग, तिलहन, डेयरी उत्पाद, फार्मास्यूटिकल्स व प्लास्टिक समेत अन्य वस्तुओं का निर्यात होता है, लेकिन भारत के कुल निर्यात में यह हिस्सेदारी बहुत छोटी है। आयात की बात करें तो तांबा और तांबे के सामान, प्याज, मेवे, सेंधा नमक, कपास, सल्फर, ऊन, कांच और चमड़े की वस्तुएं मंगाता है।

व्यापारिक समझौतों के जरिए नए बाजारों में जाने की तैयारी

मौजूदा वक्त में भारत अमेरिका और यूके समेत अन्य देशों के साथ मुक्त व्यापार और द्विपक्षीय व्यापार समझौतों पर चर्चा कर रहा है, जिनके जल्द पूरा होने की संभावना है। ऐसे में भारत का निर्यात अगले कुछ महीनों के अंदर तेजी से बढ़ने की संभावना है। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान के साथ बंद हुए निर्यात के चलते कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा। कुछ चुनिंदा उत्पादों को छोड़ दें तो बाकी उत्पादों की सप्लाई के लिए भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में कई देश तैयार हैं।

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