कल से पूरा सप्ताह किस करवट लेगा शेयर बाजार, ये फैक्टर्स करेंगे इफेक्ट, चेक करें डिटेल
- Stock Crash- बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1134.48 अंक अर्थात 1.55 प्रतिशत की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर 74332.58 अंक पर पहुंच गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 427.8 अंक यानी 1.93 प्रतिशत की मजबूती के साथ 22552.50 अंक पर रहा

Stock Market News: अमेरिकी टैरिफ में राहत दिये जाने के संकेत के बीच चीन की जवाब कार्रवाई में प्रोत्साहिन पैकेज और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने की घोषणा से स्थानीय स्तर पर हुई जबरदस्त लिवाली की बदौलत बीते सप्ताह डेढ़ प्रतिशत से अधिक उछले घरेलू शेयर बाजार की अगले सप्ताह वैश्विक रुख और फरवरी के महंगाई आंकड़ों पर नजर रहेगी।
पिछले सप्ताह कैसा था मार्केट
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1134.48 अंक अर्थात 1.55 प्रतिशत की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर 74332.58 अंक पर पहुंच गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 427.8 अंक यानी 1.93 प्रतिशत की मजबूती के साथ 22552.50 अंक पर रहा। समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों के मुकाबले मझौली और छोटी कंपनियों में लिवाली की रफ्तार अधिक तेज रही। इससे मिडकैप 1296.27 अंक अर्थात 3.4 प्रतिशत उछलकर सप्ताहांत पर 39888.29 अंक और स्मॉलकैप 2523.96 अंक यानी 5.6 प्रतिशत की तेजी के साथ 45606.86 अंक हो गया।
एनालिस्ट की राय
विश्लेषकों के अनुसार, बीते सप्ताह अमेरिकी कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लटनिक ने संकेत दिया है कि ट्रंप सरकार कुछ टैरिफ में राहत दे सकती है, खासतौर पर कनाडा और मैक्सिको से आने वाले उत्पादों पर टैक्स में कटौती संभव है। इस घोषणा के बाद वैश्विक बाजार में सकारात्मक रुख देखने को मिला, जिससे भारतीय बाजार में भी तेजी आई। ट्रंप प्रशासन की नीतियों जवाब में चीन द्वारा घोषित राहत पैकेज के कारण चीनी और जापानी बाजारों में मजबूती देखने को मिली। इसका असर भारतीय बाजारों पर भी पड़ा, जिससे सकारात्मक सेंटीमेंट बना रहा। इसके साथ ही अमेरिका द्वारा चीन, मैक्सिको और कनाडा पर लगाए गए भारी टैरिफ भारतीय निर्यातकों के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इससे भारतीय कृषि उत्पादों, मशीन टूल्स, टेक्सटाइल्स, केमिकल्स और लेदर प्रोडक्ट्स की अमेरिकी बाजार में मांग बढ़ने की उम्मीद है, जिससे भारत को व्यापारिक लाभ मिल सकता है। साथ ही आरबीआई ने बुधवार को घोषणा की है कि बैंकिंग सिस्टम में तरलता बढ़ाने के लिए वह इस वर्ष 12 मार्च और 18 मार्च को दो अलग-अलग चरण में एक लाख करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूति खरीदेगा। साथ ही 24 मार्च को 10 अरब डॉलर/रुपये की खरीद/बिक्री स्वैप ऑक्शन करेगा। इससे निवेशकों में खासा उत्साह रहा और जबरदस्त लिवाली से बाजार को बल मिला।
एफपीआई ने निकाले हैं पैसे
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मार्च के पहले सप्ताह में भारतीय शेयर बाजारों से 24,753 करोड़ रुपये (2.8 अरब डॉलर) निकाले हैं। कंपनियों की कमजोर आय और वैश्विक स्तर पर व्यापार तनाव बढ़ने के बीच एफपीआई लगातार शुद्ध बिकवाल बने हुए हैं। इससे पहले फरवरी में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से 34,574 करोड़ रुपये और जनवरी में 78,027 करोड़ रुपये निकाले थे। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि 2025 में अबतक एफपीआई कुल 1.37 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं। आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने इस महीने सात मार्च तक 24,753 करोड़ रुपये के शेयर बेचे है। यह उनकी शुद्ध निकासी का लगातार 13वां सप्ताह है। 13 दिसंबर, 2024 से एफपीआई 17.1 अरब अमेरिकी डॉलर के शेयर बेच चुके हैं। विदेशी निवेशकों द्वारा निरंतर बिक्री मुख्य रूप से वैश्विक और घरेलू कारकों के संयोजन के कारण है।