रुको-रुको, बात करते हैं; एनकाउंटर में फंस गए 1000 नक्सली तो निकली हवा
छत्तीसगढ़-तेलंगाना की सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ भारत का सबसे बड़ा ऑपरेशन चल रहा है। 72 घंटों से ज्यादा वक्त से चल रहे एनकाउंटर को रोकने नक्सलियों ने चिट्ठी जारी की है।

छत्तीसगढ़-तेलंगाना की सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ भारत का सबसे बड़ा ऑपरेशन चल रहा है। 72 घंटों से ज्यादा वक्त से चल रहे एनकाउंटर को रोकने नक्सलियों ने चिट्ठी जारी की है। बीजापुर और तेलंगाना बॉर्डर पर चल रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन को तत्काल रोकने की अपील की है। नक्सलियों की उत्तर पश्चिम बस्तर ब्यूरो के प्रभारी रूपेश ने यह प्रेस नोट जारी किया है। उन्होंने कहा कि माओवादी संगठन बातचीत को तैयार है। केंद्रीय संगठन भी पत्र लिख चुका है। सरकार से अपील है कि बातचीत से समस्या का समाधान निकाला जाए और सैनिक ऑपरेशन कगार को रोका जाए।
बता दें कि छत्तीसगढ़, तेलंगाना, महाराष्ट्र की सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ भारत का सबसे बड़ा ऑपरेशन चल रहा है। देश के मोस्ट वांटेड नक्सली नेताओं के साथ करीब एक हजार से अधिक नक्सलियों को घेरने के लिए बस्तर के डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG), स्पेशल टास्क फोर्स (STF), कोबरा, CRPF, बस्तर फाइटर, महाराष्ट्र से C60 कमांडो और आंध्र प्रदेश के ग्रेहाउंड्स फोर्स के जवानों के साथ वायु सेना को भी शामिल किया गया है। इस ऑपरेशन में अब तक 3 महिला मारे गए हैं, जबकि दो दिन पहले दो जवान भी घायल हुए थे, जिन्हें रायपुर रेफर किया गया है। बता दें कि इससे पहले भी नक्सलियों ने दो बार चिट्ठी भेजकर शांति वार्ता की अपील की है, लेकिन विष्णुदेव साय सरकार ने सशर्त बातचीत से इनकार कर दिया है।
नक्सलवाद पर शिकंजा कसने तीन दिन पहले ही ऑपरेशन के लिए अत्याधुनिक हथियारों से लैस वायु सेना के MI-17 हेलीकाफ्टर, जगदलपुर, बीजापुर, तेलंगाना, आंध्र और महाराष्ट्र में तैनात किए गए। ड्रोन के जरिए पूरे इलाके की निगरानी की जा रही है। हेलीकॉप्टर के जरिए जवानों की खाद्य सामग्री भेजी जा रही है। इस ऑपरेशन पर छत्तीसगढ़ सहित देशभर की सुरक्षा एजेंसियों की नजर टिकी हुई है। बीजापुर समेत महाराष्ट्र और तेलंगाना में पुलिस के आला अधिकारी भी मौजूद हैं। तीन राज्यों से ऑपरेशन पर नजर रखी जा रही है। जवानों के निशाने पर कर्रेगुट्टा और नीलम सराय पहाड़ी है। ऑपरेशन के दौरान कुछ जवान डिहाइड्रेशन के शिकार भी हुए हैं, जिन्हें अस्पताल भिजवाया गया है।
हिड़मा, दामोदर, देवा की मौजूदगी की खबर
बता दें कि छत्तीसगढ़-तेलंगाना-महाराष्ट्र की सीमा पर करीब 6 हजार जवान तैनात किए गए हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जवानों ने खूंखार नक्सली हिड़मा, दामोदर, देवा समेत कई बड़े लीडर और उनकी बटालियन को घेर लिया है। कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर करीब 300 से ज्यादा नक्सलियों के मौजूदगी की सूचना मिली है। बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि यह ऑपरेशन 72 घंटे से अधिक समय से चल रहा है। इंटेलिजेंस के अनुसार नक्सलियों के पास पर्याप्त राशन-पानी नहीं है। इधर जवानों को किसी भी तरह की दिक्कत न हो, इसलिए हेलीकॉफ्टर से फूड्स पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं।
मुठभेड़ में मारे जाएंगे या सरेंडर करना ही रास्ता
पुलिस सूत्रों के मुताबिक नक्सलियों के सामने अब कोई विकल्प नहीं बचा है। उनके सामने सरेंडर ही एकमात्र रास्ता है। सरेंडर नहीं करने पर मुठभेड़ में मारा जाना तय है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस इलाके में नक्सलियों की बटालियन नंबर 1,2 समेत अन्य कंपनियां सक्रिय हैं। बड़े नेता हिड़मा, देवा, विकास समेत तेलंगाना-महाराष्ट्र-आंध्र की सेंट्रल कमेटी, DKSZCM (दंण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी), DVCM (डिविजनल कमेटी मेंबर), ACM (एरिया कमेटी मेंबर), संगठन सचिव जैसे बड़े कैडर्स के नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना है। रायपुर राजधानी से गृह विभाग और इंटेलिजेंस की टीम इस पूरे मामले पर नजर रखे हुए हैं।
(रिपोर्ट- संदीप दीवान)
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