JEE Advanced 2025: आईआईटी मद्रास ने शुरू किए दो नए बी.टेक कोर्स
IIT BTech Course: आईआईटी मद्रास ने दो नए बी.टेक कोर्स शुरू किए हैं। ये दो नए अंडरग्रेजुएट कोर्स शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से शुरू किए जाएंगे।

BTech Course: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT), मद्रास ने दो नए बी.टेक कोर्स शुरू किए हैं। ये दो नए अंडरग्रेजुएट कोर्स शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से शुरू किए जाएंगे। ये दोनों नए बी.टेक कोर्स एप्लाइड मैकेनिक्स एंड बायोमेडिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के अंतर्गत शुरू किए जाएंगे। यह डिपार्टमेंट 1959 में आईआईटी मद्रास की स्थापना के बाद रिसर्च में सबसे आगे रहा है।
जो छात्र इस वर्ष जेईई एडवांस्ड 2025 परीक्षा पास करने में सफल होंगे, वे इन दोनों बी.टेक कोर्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं। स्टूडेंट्स जॉइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी (JOSAA) काउंसलिंग के जरिए इन कोर्सेज में एडमिशन ले सकेंगे। हर एक कोर्स में 40 छात्र पढ़ेंगे।
1. कम्प्यूटेशनल इंजीनियरिंग एंड मैकेनिक्स में बी.टेक (कोर्स कोड 412U)
इस कोर्स की अवधि चार साल की होगी। इस कोर्स का फोकस डिजिटल इंजीनियरिंग पर होगा, जहां फिजिकल सिस्टम कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के साथ जुड़ती है। यह कोर्स इंजीनियरिंग की पारंपरिक नॉलेज को मॉडर्न कम्प्यूटर टूल्स के साथ जोड़ देगा।
यह प्रोग्राम मशीन लर्निंग, डेटा साइंस और हाई परफॉर्मेंस कम्प्यूटिंग सहित कम्प्यूटेशनल मेथड को एक साथ करता है। यह ट्रेनिंग ग्रेजुएट्स को एयरोस्पेस, रोबोटिक्स, ऑटोमोटिव और मैन्यूफैक्चरिंग से लेकर उभरते क्षेत्रों जैसे डिजिटल ट्विन डिजाइन, स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर, टिकाऊ ऊर्जा और टिकाऊ कंप्यूटिंग के डिजाइन तक उद्योग में उच्च प्रभाव का करियर खोलता है।
2. इंस्ट्रूमेंटेशन एंड बायोमेडिकल इंजीनियरिंग (iBME)- कोर्स कोड 412V
यह चार वर्षीय बी. टेक कोर्स छात्रों को इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और इंस्ट्रूमेंटेशन में मजबूत आधारों के साथ बायोमेडिकल इंजीनियरिंग बेसिक को एक साथ करने वाले मेडिकल उपकरणों को विकसित करने में सक्षम बनाता है। इसको बनाने में मॉडर्न और एप्लीकेशन ड्रीवन टॉपिक के साथ इंजीनियरिंग के सिलेबस शामिल हैं, जैसे कि आईओटी, आईए और वेब द्वारा विकसित मेडिकल टेक्नोलॉजी, सभी बायोमेडिकल इंजीनियरिंग पर केंद्रित हैं।
यह प्रोग्राम विभिन्न भूमिकाओं में स्नातकों की सहायता करेगा, जिसमें मेडिकल उपकरणों के इंडस्ट्री में एंटरप्रेन्योरशिप की भूमिकाएं, एआई द्वारा संचालित पुनर्वास और स्वास्थ्य प्रणालियों की टेक्नोलॉजी शामिल हैं, जो डायग्नॉस्टिक और थेरेपिस्टिक में इनोवेशन को प्रोत्साहित करेंगे।