IPL की वजह से जोश हेजलवुड पर सवाल उठेंगे…ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज ने बताई इसके पीछे की वजह
मिचेल जॉनसन ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ डब्ल्यूटीसी फाइनल की बजाय आईपीएल को प्राथमिकता देने के लिए हमवतन जोश हेजलवुड की आलोचना करते हुए कहा कि इससे लोग उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाएंगे।

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज मिचेल जॉनसन ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप यानी डब्ल्यूटीसी के फाइनल की बजाय इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल को प्राथमिकता देने के लिए हमवतन जोश हेजलवुड की आलोचना की। उन्होंने ये भी कहा कि जोश हेजलवुड के इस फैसले से लोग उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाएंगे।
हेजलवुड उन खिलाड़ियों में शामिल थे, जिन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के कारण इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के स्थगित होने के बाद दोबारा शुरू होने पर भारत लौटने का फैसला किया था। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु यानी आरसीबी के लिए वे इस सीजन खेले। आरसीबी फाइनल में पहुंची और आईपीएल के 18वें सीजन के फाइनल में पंजाब किंग्स को हराकर आरसीबी ने पहली बार इस खिताब को जीता। हेजलवुड ने आईपीएल सत्र में 22 विकेट लिए। उन्होंने फाइनल में पंजाब के आक्रामक सलामी बल्लेबाज प्रियांश आर्य को चलता किया।
हेजलवुड लॉर्ड्स में खेले गए डब्ल्यूटीसी फाइनल में ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजी के अहम खिलाड़ी थे। वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ इस मैच में सिर्फ दो विकेट चटका पाए। कप्तान पैट कमिंस ने उनको स्कॉट बोलैंड से पहले खिलाया और वे नाकामयाब रहे। दक्षिण अफ्रीका ने शनिवार को पांच विकेट की जीत के साथ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया।
जॉनसन ने ‘वेस्ट ऑस्ट्रेलियन’ को लिखे अपने कॉलम में कहा, ‘‘हमने हाल के वर्षों में हेजलवुड की फिटनेस को लेकर समस्या देखी है। राष्ट्रीय टीम की तैयारियों के बजाय विलंबित इंडियन प्रीमियर लीग में वापसी को प्राथमिकता देने के उनके फैसले ने लोगों को चौंका दिया है।’’ जॉनसन ने खुद भी आईपीएल के छह सत्र का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने इस दौरान कोलकाता नाइट राइडर्स, किंग्स इलेवन पंजाब (पंजाब किंग्स) और मुंबई इंडियंस का प्रतिनिधित्व किया है।
उन्होंने आगे इस गेंदबाजी क्रम को लगातार मिल रहे मौकों पर भी सवाल उठाया और कहा, "मिचेल स्टार्क, जोश हेजलवुड, पैट कमिंस और नाथन लियोन जैसे हमारे सफल 'बिग फोर' गेंदबाजी आक्रमण को भी भविष्य के लिए निश्चित नहीं माना जा सकता। अगर अनुभवी खिलाड़ी सिर्फ एशेज के लिए ही टीम में बने हुए हैं, तो यह सवाल उठता है कि क्या यह सही मानसिकता है? यह महत्वपूर्ण है कि हम भविष्य को अपनाएं और अपने अगले टेस्ट खिलाड़ियों को चुनने में आत्मविश्वास पैदा करें।"