हिमाचल प्रदेश में कम संख्या वाले शिक्षण संस्थान होंगे बंद, CM सुक्खू का ऐलान; आगे क्या प्लान?
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को ऐलान किया कि जिन शिक्षण संस्थानों में छात्रों की संख्या कम है या जहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल रही है।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन शिक्षण संस्थानों में छात्रों की संख्या कम है या जहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल रही है उन्हें अगले शैक्षणिक सत्र से बंद कर दिया जाएगा। ऐसे संस्थानों के छात्रों के लिए नजदीकी बड़े शिक्षण संस्थानों में सीटें बढ़ाई जाएंगी और आने-जाने का खर्च भी राज्य सरकार उठाएगी।
केवल डिग्री देना मकसद नहीं
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सोमवार को राजीव गांधी राजकीय महाविद्यालय चौड़ा मैदान शिमला के वार्षिक समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का मकसद केवल डिग्री प्रदान करना नहीं, वरन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी सुनिश्चित करना है ताकि छात्र भविष्य की चुनौतियों का सामना कर सकें।
छह महीने में 900 शिक्षण संस्थान खोले
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने चुनावी लाभ के लिए अपने कार्यकाल के अंतिम छह महीनों में 900 शिक्षण संस्थान खोल दिए जिससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हुई। राज्य सरकार समाज के प्रत्येक वर्ग को उसका अधिकार दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है और संसाधनों का दुरुपयोग नहीं होने दिया जाएगा।
राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोल रही सरकार
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि सरकार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोल रही है। अगले शैक्षणिक सत्र से 10 ऐसे स्कूल कार्य करना शुरू कर देंगे। इन स्कूलों में स्वीमिंग पूल, इनडोर स्टेडियम और खेल गतिविधियों के लिए उत्कृष्ट आधारभूत ढांचा विकसित किया जाएगा।
सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी किसी से कम नहीं
मुख्यमंत्री ने सरकारी स्कूलों के छात्रों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि सरकारी शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थी किसी से कम नहीं हैं। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि मैं स्वयं सरकारी स्कूल में पढ़ा हूं और आज प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं। अगर मैं यह मुकाम हासिल कर सकता हूं तो प्रदेश के सरकारी स्कूलों के छात्र भी अपने जीवन में कोई भी लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।
पैसे की कोई कमी नहीं
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार सरकारी शिक्षण संस्थानों में सुविधाएं बढ़ाने और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। आने वाले पांच वर्षों में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को विश्वस्तरीय बनाया जाएगा। इसके लिए सरकार के पास धन की कोई कमी नहीं है।
आगे क्या प्लान?
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार नर्सरी से जमा दो तक की शिक्षा के लिए एक ही निदेशालय बनाने की दिशा में काम कर रही है, जिससे शिक्षा व्यवस्था में एकरूपता आएगी। साथ ही जिला मुख्यालयों के वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में को-एजुकेशन व्यवस्था लागू की जाएगी।
पीजी कक्षाएं शुरू करने की घोषणा
मुख्यमंत्री सुक्खू ने राजीव गांधी राजकीय महाविद्यालय चौड़ा मैदान के लिए सेंट्रल हीटिंग सिस्टम स्थापित करने और अगले शैक्षणिक सत्र से अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान और अंग्रेजी विषयों में स्नातकोत्तर (पीजी) कक्षाएं शुरू करने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री ने कॉलेज के मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित कर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
रिपोर्ट- यूके शर्मा
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