मुजीब की जयंती के लिए 4 हजार करोड़ बर्बाद, यूनुस सरकार ने शेख हसीना पर बैठाई एक और जांच
- बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ कई मुकदमे दायर कर चुकी है। इनमें हत्या और भ्रष्टाचार से जुड़े कई मामलों में शेख हसीना को दोषी ठहराया गया है।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ एक और जांच बिठा दी है। बीते साल देश में व्यापक स्तर पर हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद भारत में शरण लेने वाली शेख हसीना पर 4000 करोड़ बांग्लादेशी टका के गबन का आरोप लगाया गया है। बुधवार को बांग्लादेश की एक भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने बताया है कि एजेंसी ने शेख हसीना, उनकी छोटी बहन शेख रेहाना और एक पूर्व अधिकारी द्वारा मुजीब शताब्दी समारोह के लिए 4,000 करोड़ टका की कथित बर्बादी के लिए जांच शुरू कर दी है।
बांग्लादेश के भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (NCC) के महानिदेशक अख्तर हुसैन ने बुधवार को मीडिया को बताया कि इसके लिए एक 4 सदस्यों की एक कमिटी भी बनाई गई है। हुसैन ने कहा है कि जांच चल रही है और टीम विभिन्न संगठनों से जानकारी इकट्ठी करने की दिशा में काम कर रही है। गौरतलब है कि 2020 में बांग्लादेश ने देश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के सम्मान में 100वीं जयंती का उत्सव मनाने की घोषणा की थी। इसके लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने साल भर चलने वाले समारोह का आयोजन किया था।
बहन रेहाना पर भी आरोप
यूनुस सरकार ने आरोप लगाए हैं कि हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार ने इस कार्यक्रम के लिए राष्ट्रीय खजाने में से करीब 4,000 करोड़ टका खर्च किए। इसमें शेख हसीना के साथ-साथ उनकी बहन रेहाना पर भी बर्बादी के आरोप लगाए गए हैं। रेहाना तब किसी आधिकारिक पद पर नहीं थीं। वहीं एसीसी ने कमाल अब्दुल नासर चौधरी को भी आरोपी बनाया है, जो सरकार के पूर्व प्रधान सचिव थे। उन्होंने अपनी सेवानिवृत्ति के बाद समारोह के मुख्य समन्वयक के रूप में काम किया था।
‘हसीना एक भ्रष्ट व्यक्ति’
एजेंसी ने बताया है कि वह पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई आरोपों की जांच कर रही है। राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने जनवरी में हसीना और रेहाना के खिलाफ छह अलग-अलग मामले दर्ज किए थे। अधिकारियों ने बताया कि आयोग ने 10 मार्च को उन मामलों में चार्जशीट फाइनल कर ली गई है। इससे पहले हाल ही में भारत से शेख हसीना की वापसी के प्रश्न पर एसीसी के अध्यक्ष मोहम्मद अब्दुल मोमेन ने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और एक सामान्य भ्रष्ट व्यक्ति के बीच कोई अंतर नहीं है। उन्होंने मीडिया से कहा था, "भ्रष्ट भगोड़े को वापस लाने की प्रक्रिया एक जैसी है, चाहे वह हसीना हो या कोई और।"
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