भारत के साथ तनाव कम करने में मदद करें ट्रंप, वरना परमाणु युद्ध छिड़ सकता है; पाकिस्तान ने लगाई गुहार
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें अधिकांश हिंदू पर्यटक थे। इसने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है।

भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से कश्मीर मुद्दे पर हस्तक्षेप करने और तनाव को कम कराने की गुहार लगाई है। पाकिस्तान के अमेरिका में राजदूत रिजवान सईद शेख ने चेतावनी दी कि "कोई भी गलत कदम या गलत अनुमान परमाणु संघर्ष की ओर ले जा सकता है।" शेख ने कश्मीर को "विश्व का सबसे खतरनाक परमाणु फ्लैशपॉइंट" करार देते हुए ट्रंप से इस मुद्दे पर निर्णायक भूमिका निभाने का आग्रह किया है।
Fox News Digital से बातचीत में शेख ने कश्मीर को "परमाणु फ्लैशपॉइंट" करार देते हुए कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप इस मुद्दे को हल करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा, "यह राष्ट्रपति ट्रंप की विरासत का एक अहम हिस्सा बन सकता है, यदि वे इस मसले को सतही उपायों से नहीं बल्कि कश्मीर विवाद जैसे मूल कारणों को संबोधित करके हल करें।"
राजदूत शेख ने भारत के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया को "खतरनाक और भड़काऊ" बताया। उन्होंने कहा कि हमले के महज 10 मिनट बाद ही भारत की ओर से पाकिस्तान पर आरोप लगाए गए। उन्होंने कहा, "भारत ने आरोप लगाने में एक मिनट भी नहीं गंवाया और बिना किसी जांच के ही पाकिस्तान को दोषी ठहराया। हमने सबूत शेयर करने की मांग की और निष्पक्ष व पारदर्शी जांच में भाग लेने की पेशकश की, लेकिन हमें कोई जवाब नहीं मिला।"
"परमाणु युद्ध की संभावना को नजरअंदाज न करें"
पाकिस्तानी राजदूत को भारत की संभावित प्रतिक्रिया से डर लग रहा है। यही वजह है कि वे दूसरे देशों के आगे गुहार लगा रहे हैं कि भारत को रोका जाए। राजदूत ने कहा कि यह क्षेत्र 1.5 अरब से ज्यादा लोगों का घर है और इस तरह के युद्धोन्माद भरे बयानात क्षेत्र को एक बार फिर से "युद्ध की मानसिकता का बंधक" बना रहे हैं। पाकिस्तानी दूत ने गीदड भभकी देते हुए कहा कि "कोई भी गलतफहमी या गलत निर्णय, परमाणु युद्ध में बदल सकता है - जो इस घनी आबादी वाले क्षेत्र के लिए विनाशकारी होगा।"
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लिए बहने वाली नदियों के जल प्रवाह को एकतरफा रोकने की धमकी, अंतरराष्ट्रीय संधियों का खुला उल्लंघन है। उन्होंने इंडस वॉटर ट्रीटी का हवाला देते हुए कहा, "यह संधि भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्धों के दौरान भी कायम रही, इसे तोड़ना अंतरराष्ट्रीय कानून की घोर अवहेलना है।" पहलगाम हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौता निलंबित कर दिया है जिससे पाकिस्तान और भड़का नजर आ रहा है। भारत के इस कदम से पाकिस्तान को भारी चोट लगेगी।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दखल की मांग
पाकिस्तानी दूत के बयानों में भारत की विदेश नीति से जलन साफ नजर आई। दरअसल भारत की मजबूत विदेश नीति के चलते ज्यादातर देश जम्मू-कश्मीर को भारत का हिस्सा मानते हैं और किसी भी तरह की बेतुकी बयानबाजी से बचते रहे हैं। लेकिन पाकिस्तान बार-बार दूसरे देशों से गुहार लगाता रहा है। शेख ने कहा कि जब भी क्षेत्र में तनाव बढ़ा है, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने शुरू में ध्यान दिया, लेकिन स्थायी समाधान के बिना ही अपनी नजरें हटा लीं। उन्होंने कहा, "इस बार वैश्विक हालात को देखते हुए समय रहते ऐसा कदम उठाना चाहिए जो स्थायी शांति की दिशा में हो, न कि केवल अस्थायी समाधान हो।" दुनिया जानती है कि पाकिस्तान आतकंवाद का सबसे पड़ा पनाहगार रहा है। लेकिन पाक दूत ने कहा कि पिछले दो दशकों में पाकिस्तान ने आतंकवादी हमलों में 70,000 से 90,000 लोगों को खोया है।
पहलगाम हमले ने बढ़ाया तनाव
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें अधिकांश हिंदू पर्यटक थे। इसने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। भारत ने इस हमले के लिए आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान को जिम्मेदार नहीं ठहराया है, लेकिन भारतीय खुफिया एजेंसियों का मानना है कि इसमें पाकिस्तानी नागरिक शामिल थे। इस हमले के बाद भारत ने सख्त रुख अपनाते हुए अपनी सेना को "पूरी ऑपरेशनल स्वतंत्रता" देने की बात कही है, जिससे पाकिस्तान में बेचैनी बढ़ गई है।
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