Trump wants to ruin China army but dragon is not ready to back down emphasis on recruiting students चीन की सेना को कंगाल करना चाहते हैं ट्रंप, पीछे हटने को तैयार नहीं ड्रैगन; छात्रों को भर्ती करने पर जोर, International Hindi News - Hindustan
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चीन की सेना को कंगाल करना चाहते हैं ट्रंप, पीछे हटने को तैयार नहीं ड्रैगन; छात्रों को भर्ती करने पर जोर

  • चीन अपने रक्षा खर्च को बढ़ा रहा है और लंबे समय से चल रही आधुनिकीकरण योजनाओं के बीच सैन्य फंडिंग पर सख्त निगरानी रख रहा है।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, बीजिंगThu, 10 April 2025 09:32 AM
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चीन की सेना को कंगाल करना चाहते हैं ट्रंप, पीछे हटने को तैयार नहीं ड्रैगन; छात्रों को भर्ती करने पर जोर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। ट्रंप ने चीन की सैन्य ताकत को कमजोर करने के लिए आर्थिक दबाव की रणनीति तेज कर दी है, जबकि चीन इस चुनौती का जवाब अपनी सेना को मजबूत करने और युवा छात्रों को भर्ती करने की मुहिम के साथ दे रहा है। दोनों देशों के बीच टैरिफ वॉर और सैन्य तैयारियों ने वैश्विक मंच पर एक नई जंग की आशंका को जन्म दिया है।

ट्रंप की रणनीति: आर्थिक चोट से सैन्य कमजोरी

ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत से ही चीन पर आर्थिक प्रतिबंधों को सख्त करने का ऐलान किया था। हाल ही में ट्रंप ने चीन के साथ व्यापार युद्ध को बढ़ाते हुए उसके खिलाफ अतिरिक्त आयात शुल्क को बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर यह घोषणा करते हुए कहा है कि यह शुल्क तत्काल प्रभाव से लागू माने जाएंगे।

ट्रंप की इस घोषणा का मकसद चीन की अर्थव्यवस्था को झटका देना और उसकी सैन्य महत्वाकांक्षाओं को कमजोर करना है। ट्रंप का मानना है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) को चलाने के लिए जरूरी धन का बड़ा हिस्सा उसकी अर्थव्यवस्था से आता है। अगर यह आर्थिक स्रोत कमजोर पड़ जाए, तो चीन की सैन्य ताकत भी अपने आप कम हो जाएगी। चीन अपने रक्षा खर्च को बढ़ा रहा है और लंबे समय से चल रही आधुनिकीकरण योजनाओं के बीच सैन्य वित्त पर सख्त निगरानी रख रहा है। ट्रंप का कहना है कि वह नहीं चाहते कि चीन अपने 600 अरब डॉलर के व्यापार अधिशेष (ट्रेड सरप्लस) को "रक्षा मशीन" पर खर्च करे।

डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा, "मैं नहीं चाहता कि वे (चीन) अपनी सेना पर पैसा खर्च करें।" ट्रंप का कहना है कि चीनी चेना का मजबूत होना वैश्विक स्थिरता के लिए खतरा है। ट्रंप ने कहा, "चीन के पास बहुत ज्यादा ट्रेड सरप्लस है। वे इसे लेते हैं और अपनी सेना पर खर्च करते हैं। हम ऐसा नहीं चाहते। मैं नहीं चाहता कि वे हर साल 500 बिलियन डॉलर, 600 बिलियन डॉलर लेकर अपनी सेना पर खर्च करें। मैं नहीं चाहता कि वे अपनी सेना पर पैसा खर्च करें। हमें भी ऐसा खर्च नहीं करना चाहिए। मैंने राष्ट्रपति शी से यह बात कही है, उम्मीद है कि यह वह पैसा है जिसका हम कभी इस्तेमाल नहीं करेंगे।"

ड्रैगन का जवाब: सेना में छात्रों की भर्ती

ट्रंप के इस आक्रामक रुख का जवाब देने के लिए चीन पीछे हटने को तैयार नहीं है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी सेना को और मजबूत करने के लिए नए सिरे से तैयारियां शुरू कर दी हैं। सूत्रों के मुताबिक, चीन ने अपनी सैन्य भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाते हुए विशेष रूप से युवा छात्रों को निशाना बनाया है। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रचार अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसमें छात्रों को सेना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

चीन की सरकारी मीडिया का दावा है कि यह कदम "राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा" के लिए उठाया गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, पीएलए ने 2030 तक विश्व स्तरीय सेना बनाने के अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए भर्ती की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है। इसमें तकनीकी रूप से कुशल छात्रों पर खास जोर दिया जा रहा है, ताकि आधुनिक युद्ध की जरूरतों, जैसे साइबर सुरक्षा और ड्रोन तकनीक, को पूरा किया जा सके।

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चीनी शिक्षा मंत्रालय ने कॉलेज छात्रों को सेना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया

चीनी शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी की, जिसमें देश भर के विश्वविद्यालयों और स्थानीय अधिकारियों से कैंपस में सैन्य भर्ती प्रयासों को तेज करने का आह्वान किया गया। इस अधिसूचना का मुख्य उद्देश्य कॉलेज छात्रों, विशेष रूप से स्नातक करने वाले वरिष्ठ छात्रों में सेना में शामिल होने और देश की सेवा करने के उत्साह को बढ़ाना है।

मंत्रालय ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित इस नोटिस में कहा कि कॉलेज छात्रों को विश्व स्तरीय सेना के निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतिभा पूल माना जाता है। यह कदम राष्ट्रीय रक्षा और सैन्य आधुनिकीकरण का समर्थन करने के लिए एक आधारभूत परियोजना के रूप में देखा जा रहा है। साथ ही, यह शिक्षा के माध्यम से नैतिकता को बढ़ावा देने के मूलभूत मिशन को पूरा करने और युवा छात्रों के लिए करियर विकास के रास्ते को व्यापक करने का एक प्रभावी उपाय भी है।

नोटिस में सुझाव दिया गया है कि विश्वविद्यालयों में भर्ती के लिए एक व्यापक माहौल बनाया जाए। इसके लिए मुख्य कैंपस मार्गों, कैंटीन और छात्रावास क्षेत्रों में भर्ती जानकारी बूथ स्थापित करने की बात कही गई है। प्रचार वीडियो प्रसारण, बैनर लगाने, पोस्टर प्रदर्शित करने और ब्रोशर वितरित करने जैसे उपायों के माध्यम से भर्ती के लिए मजबूत माहौल बनाने पर जोर दिया गया है। इसके अलावा, नए छात्रों के सैन्य प्रशिक्षण, कैंपस जॉब फेयर और स्नातक समारोह जैसी गतिविधियों में भर्ती अभियानों को शामिल करने की सिफारिश की गई है।

यह अधिसूचना छात्रों के शैक्षणिक स्तर और ग्रेड विशेषताओं के आधार पर विभिन्न प्रचार रणनीतियों की भी सलाह देती है। स्नातक छात्रों के लिए विशेष रूप से भर्ती के लिए शैक्षिक सब्सिडी, डिस्चार्ज के बाद आगे की पढ़ाई या शैक्षणिक पुनर्स्थापना, रोजगार सेवाओं और गैर-कमीशन अधिकारियों के पदोन्नति, अधिकारी उम्मीदवारी और सैन्य करियर में उन्नति जैसे प्रोत्साहनों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा गया है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब चीन अपनी सैन्य शक्ति को मजबूत करने और युवाओं में देशभक्ति की भावना को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान दे रहा है।

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