ट्रंप सरकार को कोर्ट से बड़ा झटका, हार्वर्ड में विदेशियों को दाखिला न देने के फैसले पर रोक
विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा था, 'हम अपने अंतरराष्ट्रीय छात्रों और स्कॉलर्स को दाखिला देने की क्षमता को बनाए रखने के अपने संकल्प पर कायम हैं. उन छात्रों और स्कॉलर्स के लिए जो 140 से अधिक देशों से यहां आते हैं और इस राष्ट्र को मजबूत बनाते हैं।'
अमेरिकी जज ने ट्रंप प्रशासन को शुक्रवार को बड़ा झटका दिया। उन्होंने सरकार के उस प्रयास को रोक दिया, जिसके तहत हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय छात्रों को एडमिशन न देने की कोशिश की गई थी। अमेरिकी जिला जज एलिसन बरोज ने इस अस्थायी निषेधाज्ञा को मंजूरी दी। इस फैसले से दुनिया भर के उन छात्रों को बड़ी राहत मिलने वाली है जो हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करना चाहते हैं।
इससे पहले, हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने ट्रंप प्रशासन के इस फैसले को चुनौती दी थी। यूनिवर्सिटी ने इसे व्हाइट हाउस की राजनीतिक मांगों को नजरंदाज करने की असंवैधानिक कार्रवाई करार दिया। बोस्टन में संघीय अदालत में शुक्रवार को दायर मुकदमे में हार्वर्ड ने कहा कि सरकार की कार्रवाई पहले संशोधन का उल्लंघन करती है। इसका हार्वर्ड और 7000 से अधिक वीजा धारकों पर तात्कालिक और विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा।
किन छात्रों पर पड़ता अधिक असर
ट्रंप प्रशासन के फैसले का प्रभाव हार्वर्ड कैनेडी जैसे स्कूल पर सबसे अधिक पड़ता, जहां लगभग आधे विद्यार्थी विदेश के हैं। हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के लगभग एक तिहाई छात्र विदेशी हैं। वर्तमान छात्रों पर पड़ने वाले प्रभाव के साथ-साथ, इस कदम से उन हजारों छात्रों के लिए भी रास्ता अवरुद्ध हो गया है जो ग्रीष्मकालीन और शरदकालीन कक्षाओं में आने की योजना बना रहे थे। हार्वर्ड ने कहा कि इससे स्कूल को तुरंत नुकसान होगा क्योंकि उसे दुनिया के शीर्ष छात्रों के लिए प्रतिस्पर्धा करनी होगी। हार्वर्ड कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स में अपने परिसर में लगभग 6800 विदेशी विद्यार्थियों को दाखिला देता है। इनमें से ज्यादातर स्नातक छात्र हैं और वे 100 से अधिक देशों से आते हैं।
सरकार का क्या है तर्क
प्रशासन ने गुरुवार को कार्रवाई की घोषणा की थी, जिसमें हार्वर्ड पर अमेरिका विरोधी, आतंकवाद समर्थक आंदोलनकारियों को परिसर में यहूदी छात्रों पर हमला करने की अनुमति देकर असुरक्षित परिसर का माहौल बनाने का आरोप लगाया गया। इसने हार्वर्ड पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ समन्वय करने का भी आरोप लगाया। हार्वर्ड के अध्यक्ष एलन गार्बर ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि विश्वविद्यालय ने पिछले डेढ़ साल में अपने प्रशासन में बदलाव किए हैं, जिसमें यहूदी-विरोधी भावना से निपटने के लिए एक व्यापक रणनीति भी शामिल है। उन्होंने कहा कि हार्वर्ड बदले की कार्रवाई की आशंकाओं के कारण अपने मूल, कानूनी रूप से संरक्षित सिद्धांतों से पीछे नहीं हटेगा। वह चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ समन्वय के बारे में हाउस रिपब्लिकन की ओर से पहली बार उठाए गए आरोपों पर बाद में जवाब देगा।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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