बहुत हुई देरी, CBI जांच को दें मंजूरी; 17 रहस्यमयी मौतों पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उठी नई मांग
सदस्यों की चिंता का जवाब देते हुए मंत्री सकीना इटू ने कहा कि सदन की चिंता वास्तविक है लेकिन इस मामले में जांच चल रही है और हमें उस जांच रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में आज (बुधवार को) राजौरी जिले के बदहाल गांव में रहस्यमयी बीमारी से हुई 17 मौतों का मामला उठा। इस दौरान सदस्यों ने इस हादसे पर गंभीर चिंता जताई और मौत के सही कारणों का पता लगाने के लिए सीबीआई जांच की मांग की। सदस्यों की इस चिंता और मांग पर राज्य की स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सकीना इटू ने कहा कि जांच पहले से ही चल रही है, इसलिए सदन को उसकी रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए।
आज जैसे ही सदन में प्रश्नकाल शुरू हुआ तो बुधल से सत्तारूढ़ दल नेशनल कॉन्फ्रेन्स के विधायक जावेद इकबाल चौधरी ने सवाल उठाते हुए कहा, "ऐसा प्रतीत होता है कि बदहाल गांव में ग्रामीणों को ट्रक भरकर विषाक्त पदार्थ दिए गए थे। विभिन्न प्रयोगशालाओं की अलग-अलग रिपोर्टों में विभिन्न नमूनों में अलग-अलग विषाक्त पदार्थों का पता चला है, लेकिन इन मौतों का सही कारण आज तक पता नहीं चल सका है।"
विधायक ने साजिश का जताया अंदेशा
चौधरी ने कहा कि उन्हें बदहाल, कुलगाम और कठुआ में लोगों की मौतों के पीछे एक बड़ी साजिश लगती है, इसलिए इनकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। इसी दौरान सुरनकोट से निर्दलीय विधायक चौधरी अकरम ने भी जावेद इकबाल चौधरी की मांग का समर्थन किया। उधर, कुलगाम से माकपा विधायक एमवाई तारिगामी ने भी कहा, "इतने सारे लोग मर गए और उनकी मौत का सही कारण अभी भी अज्ञात है। यह अभूतपूर्व है। इस सदन के इतिहास में कभी भी ऐसी घटना सामने नहीं आई है। इन मौतों के पीछे मूल कारण का पता लगाया जाना चाहिए। हमारे लिए यह जानना बहुत अहम है कि क्या ऐसी मौतों के पीछे कोई अदृश्य हाथ तो काम नहीं कर रहे हैं।"
तारिगामी ने इन मौतों का रहस्य उजागर करने के लिए विश्वसनीय जांच की भी मांग की। इसके बाद सदस्यों की चिंता का जवाब देते हुए मंत्री सकीना इटू ने कहा, "सदन की चिंता वास्तविक है लेकिन इस मामले में जांच चल रही है और हमें उस जांच रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए।" उन्होंने सदन को बताया कि डायग्नोस्टिक रिपोर्ट, प्रयोगशाला जांच और पर्यावरण नमूनों से संकेत मिलता है कि ये घटनाएं बैक्टीरिया या वायरल मूल की संक्रामक बीमारी के कारण नहीं थीं।
किस लैब की रिपोर्ट में क्या?
उन्होंने बताया कि PGMIIR चंडीगढ़ द्वारा जांच नमूनों में एल्युमिनियम और कैडमियम की मौजूदगी पाई गई है। इसके अलावा CSIR_IITR लखनऊ की रिपोर्ट में एल्डीकार्ब सल्फेट और एसिटामिप्राइड डाइएथिल डाइथियोकार्बामेट, क्लोरफेनेपायर की बात कही गई है। उन्होंने बताया कि DRDE-DRDO ग्वालियर ने सत्तू और मक्के की रोटी के नमूनों से क्लोरफेनेपायर, एब्रिन पाया है। NFL-FSSAI गाजियाबाद ने खाद्य नमूनों से क्लोरफेनेपायर और क्लोरपाइरोफॉस पाया और सीएफएसएल, चंडीगढ़ ने सभी 17 मृतकों के विसरा नमूनों में क्लोरफेनेपायर पाया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने सदन को बताया कि पिछले साल 7 दिसंबर को पहली घटना के तुरंत बाद, खाद्य सुरक्षा विभाग के साथ एक मेडिकल टीम ने खाद्य विषाक्तता का संदेह जताते हुए भोजन और पानी के नमूने एकत्र करने के लिए गांव का दौरा किया था। उन्होंने कहा, "आस-पास के घरों की भी जांच की गई लेकिन कोई और मामला नहीं मिला। 12 दिसंबर को इसी तरह की दूसरी घटना होने के बाद, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित परिवारों द्वारा लिए गए पानी, भोजन और दवाओं के नमूने एकत्र करने के लिए बधाल गांव का दौरा किया था।
अमित शाह ने भेजी थी अंतर-मंत्रालयी टीम
यहां यह बताना जरूरी है कि 18 जनवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा भेजी गई अंतर-मंत्रालयी टीम और शीर्ष स्वास्थ्य संस्थानों के विशेषज्ञों के बधाल गांव में जाने तथा 17 मौतों के मूल कारणों का पता लगाने के लिए गठित पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) के बावजूद अभी तक कोई निर्णायक रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई है। पिछले साल 7 दिसंबर से अब तक गांव में रहस्यमय बीमारी के कारण 13 बच्चों सहित 17 लोगों की मौत हो चुकी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 18 जनवरी को अंतर-मंत्रालयी टीम के गठन का आदेश दिया था, जिसने अगले ही दिन बधाल गांव का दौरा किया था।
16 जनवरी को पुलिस ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। इसी तरह, राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान पुणे, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र नई दिल्ली, राष्ट्रीय विष विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान लखनऊ, रक्षा अनुसंधान विकास प्रतिष्ठान ग्वालियर, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अलावा आईसीएमआर-वायरस अनुसंधान एवं निदान प्रयोगशाला, जीएमसी जम्मू जैसी कुछ प्रतिष्ठित राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं ने अपनी जांच करने के लिए गांव का दौरा किया।
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