भीषण गर्मी के लिए प्रसिद्ध रोहण में नौतपा के दौरान बारिश
बेरमो में 25 मई से रोहिणी नक्षत्र का प्रवेश हुआ है, जो 8 जून तक रहेगा। इस नक्षत्र में किसान फसलों के बीज बोने की तैयारी करते हैं। नौतपा के दौरान धरती की गर्मी और बारिश के बीच, किसान खेतों की सफाई कर...

बेरमो, सिद्धार्थ नारायण। ज्येष्ठ माह यानी बोलचाल में जेठ माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 25 मई से ही रोहिणी नक्षत्र में सूर्य का प्रवेश हो गया है। यह नक्षत्र कुल 15 दिनों तक के लिए आगामी 8 जून तक रहेगा। यह नक्षत्र रोहण के नाम से किसानों में भीषण गर्मी के लिए जाना जाता है, जिसमें धान सहित अन्य फसलों के बीज बोने की भी शुरुआत करने की परंपरा है। परंतु मनमाना मौसम के कारण इस नक्षत्र का प्रवेश भी बारिश के बीच हुआ है। नौतपा में धरती का तपना कृषि कार्य के लिए जरूरी : रोहिणी नक्षत्र में सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ती है जिससे धरती गर्मी से तप जाती है।
शुरू में नौ दिनों तक अत्यधिक धूप पड़ने के कारण ही इसे नौतपा कहते हैं। माना जाता है कि गर्मी से धरती के तपने के कारण ही अच्छी वर्षा भी होती है और जमीन के कीट-कीटाणु मर जाते हैं। बेरमो क्षेत्र के किसानों को रोहण का रहता है इंतजार : इसी नक्षत्र में किसान अपनी खेत-बाड़ी में हल चला कर भदई मकई और धान बोने के लिए कृषि-कार्यों का शुभारंभ भी करते हैं। इसलिए बेरमो क्षेत्र के किसानों को इस नक्षण का इंतजार रहता है। ऐसे में खेतों-बाड़ियों की सफाई शुरू कर दी गई है। रोहिणी नक्षत्र के बाद पड़ जाता है मृगशिरा नक्षत्र : रोहिणी नक्षत्र शेष हो जाने के बाद मृगशिरा नक्षत्र में सूर्य का प्रवेश हो जाएगा। मृगशिरा नक्षत्र नक्षत्र मंडल का 5वां नक्षत्र है। किसानों के लिए मृगशिरा नक्षत्र कृषि कार्यों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है, वह इसलिए कि एक प्रकार से वर्षा ऋतु का आरंभ इसी नक्षत्र से माना जाता है।
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