पी जे सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में वीर कुंवर सिंह जयंती श्रद्धा पूर्वक मनाई गई
चक्रधरपुर में पद्मावती जैन सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में वीर कुंवर सिंह की जयंती श्रद्धा पूर्वक मनाई गई। प्रधानाचार्य और अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। वीर कुंवर सिंह ने...
चक्रधरपुर।बुधवार को पद्मावती जैन सरस्वती शिशु विद्या मंदिर इंग्लिश मीडियम पंपरोड शत्रुघ्न नगर, चक्रधरपुर में स्वाधीनता संग्राम के महानायक वीर कुंवर सिंह की जयंती श्रद्धा पूर्वक मनाई गई।सर्वप्रथम विद्यालय के प्रधानाचार्य आनंद चन्द्र प्रधान, जय श्री दास, शांति देवी, मीना कुमारी, सौभीक घटक, स्वास्तिक सोय एवं भारती कुमारी ने संयुक्त रुप से वीर कुंवर सिंह की तस्वीर पर दीप प्रज्ज्वलित एवं पुष्पार्चन कर प्रारम्भ किया गया। मौके पर प्रधानाचार्य ने सभी को वीर कुंवर सिंह जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ दी। वीर कुंवर सिंह का जन्म 13 नवम्बर 1777 को बिहार के भोजपुर जिले के जगदीशपुर में क्षत्रिय जमींदार परिवार में हुआ था। उन्होंने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख सेनानायक थे। बिहार में ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व किया और अपनी बहादुरी और नेतृत्व क्षमता के लिए जाने जाते हैं। एक बार, ज़ब उन्हें ब्रिटिश सेना ने घेराव किया था, तो उन्होंने अपनी कलाई पर गोली लगने के बाद भी अपना हाथ काट दिया था ताकि वह आगे भी बुरी तरह से घायल न हो। 23 अप्रैल को वीर कुंवर सिंह जयंती क्यों मनाई जाती है। 23 अप्रैल 1858 को जगदीशपुर के पास लड़ी गई उनकी आखिरी लड़ाई में ईस्ट इंडिया कंपनी के नियंत्रण वाली सेना पूरी तरह से परास्त हो गई थी। वहीं सौभीक घटक ने भी वीर कुंवर सिंह जी की जीवनी पर बच्चों को विस्तार पूर्वक अपनी बात रखा। साथ ही जम्मू - कश्मीर में हुई दर्दनाक घटना के बारे बताए एवं सभी ने उनकी आत्मा शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया। कार्यक्रम का संचालन मीना कुमारी ने की और इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी आचार्य दीदी जी एवं कर्मचारी का सराहनीय योगदान रहा।
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