साइबर क्राइम : बंगाल व नेपाल से मंगाए जाते हैं अधिकांश सिम
देवघर में साइबर थाना ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से जब्त सिमकार्ड की जांच की। पता चला कि 50% से अधिक सिमकार्ड पश्चिम बंगाल और नेपाल से लाए गए हैं। यह साइबर ठगी का नेटवर्क अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय...

देवघर, प्रतिनिधि साइबर थाना में गिरफ्तार साइबर आरोपियों के पास से जब्त मोबाइल फोन व सिमकार्ड की जांच में चौकाने वाला खुलासा हुया है। साइबर अपराध में लिप्त आरोपियों के पास से जब्त सिम कार्ड की तकनीकी जांच के दौरान जानकारी मिली कि 50 प्रतिशत से अधिक सिमकार्ड पश्चिम बंगाल और नेपाल से मंगाए गए हैं। यह साइबर ठगी के नेटवर्क के अंतरराज्यीय से अंतरराष्ट्रीय विस्तार की ओर संकेत करता है। इससे जांच एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है। साइबर थाना की टेक्निकल टीम द्वारा आरोपियों से बरामद सिमकार्ड की बारीकी से जांच की गई। इस दौरान पाया गया कि बड़ी संख्या में सिमकार्ड ऐसे हैं जो झारखंड के नहीं, बल्कि पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल और सीमावर्ती देश नेपाल से प्राप्त किए गए थे। सिमकार्ड फर्जी पहचान पत्रों के आधार पर निकलवाए जाते हैं और बाद में देवघर, जामताड़ा, दुमका, गिरिडीह जैसे जिलों में सक्रिय साइबर ठगों को भेज दिए जाते हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, बंगाल और नेपाल में कुछ ऐसे नेटवर्क सक्रिय हैं जो सस्ते दाम पर बिना सख्त पहचान सत्यापन के सिमकार्ड उपलब्ध करा देते हैं। सिमकार्ड का इस्तेमाल अपराधी देशभर के भोले-भाले लोगों को ठगने के लिए करते हैं। फर्जी कस्टमर केयर, बैंक अधिकारी, पीएम किसान योजना या कैशबैक स्कीम के नाम पर लोगों से उनकी व्यक्तिगत जानकारी व बैंक डिटेल्स ली जाती हैं और फिर उनके खातों से पैसे निकाल लिए जाते हैं। पुलिस नेटवर्क तोड़ने के लिए अब अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से समन्वय बनाने की तैयारी कर रही है। सिमकार्ड जारी करने वाली एजेंसियों और दुकानदारों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
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