Deoghar ISBT Bus Operations Halted Passengers Face Confusion and Inconvenience बोले देवघर: आईएसबीटी से बसों का ठप है परिचालन, यात्री परेशान, Deogarh Hindi News - Hindustan
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बोले देवघर: आईएसबीटी से बसों का ठप है परिचालन, यात्री परेशान

देवघर के बाघमारा में स्थित आईएसबीटी से बसों का परिचालन ठप है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है। यात्री ऑटो या टोटो से आईएसबीटी पहुंचते हैं, लेकिन वहां उन्हें पता चलता है कि बसें नहीं चल रही...

Newswrap हिन्दुस्तान, देवघरFri, 18 April 2025 03:22 AM
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बोले देवघर: आईएसबीटी से बसों का ठप है परिचालन, यात्री परेशान

हर दिन सैकड़ों यात्री आईएसबीटी तक ऑटो और टोटो से पहुंचते हैं। वहां पहुंचकर उन्हें जानकारी मिलती है कि बसें नहीं चल रही हैं। ऐसे में वह मायूस होकर लौटते हैं। यात्रियों ने बताया कि न तो प्रशासन की तरफ से किसी तरह की सार्वजनिक सूचना जारी की गई है और न ही पुराने बस स्टैंड पर कोई गाइडेंस सेंटर या सूचना बोर्ड लगाया गया है, जिससे यात्री भ्रमित न हों। बासुकीनाथ जा रहे एक यात्री राजकुमार महतो ने बताया कि सुबह छह बजे टोटो से आईएसबीटी पहुंचा। वहां जाकर पता चला कि बसें नहीं चल रही हैं। दोबारा लौटकर ऑटो से पुराने बस स्टैंड पहुंचा, फिर वहां से गाड़ी रिजर्व कर बासुकिनाथ जाना व वापस आना पड़ा। केवल बस स्टैंड आने-जाने में ही 100 रुपए से ज्यादा खर्च हो गया। ऐसे में यात्री ऑटो या टोटो से आईएसबीटी तक पहुंच रहे हैं। लेकिन वहां पहुंचने के बाद उन्हें जानकारी मिल रही है कि यहां से बसों का परिचालन ही नहीं हो रहा है। इन्हीं सब मुद्दों को लेकर हिन्दुस्तान से संवाद के दौरान लोगों ने अपनी समस्याओं और उसके समाधान को लेकर अपनी-अपनी बात रखी।

देवघर के बाघमारा में आईएसबीटी (इंटर स्टेट बस टर्मिनल) बनकर पूरी तरह से तैयार है। 10 अप्रैल से वहां से बसों का परिचालन भी शुरू कर दिया गया है। आईएसबीटी में यात्रियों के लिए विश्व स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। लेकिन प्रशासन और बस ऑनर एसोसिएशन के बीच आपसी सामंजस्य नहीं होने की वजह से आमलोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पुराने बस स्टैंड को पूरी तरह से बंद कर सभी बसों का परिचालन बाघमारा अवस्थित नए आईएसबीटी से करने का निर्णय स्थानीय प्रशासन द्वारा लिया गया है। लेकिन इस निर्णय के विरोध में बस ऑनर एसोसिएशन द्वारा सभी बसों का परिचालन बंद कर दिया गया है। इसकी वजह से आम यात्रियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बाघमारा स्थित आईएसबीटी कुल 20 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है। उसमें कुल दो पार्ट शामिल हैं। वर्तमान में 10 एकड़ में आईएसबीटी बनकर पूरी तरह से तैयार है। उसमें टिकट काउंटर, वेटिंग लाउंज, फूड कोर्ट, सीसीटीवी कैमरे से निगरानी, दोनों ओर टॉयलेट, बसों के परिचालन लिए 30 से 40 सबवे, वाहनों के लिए वाशिंग सेंटर, फायर सेफ्टी यूनिट सहित 200 बसों की पार्किंग की व्यवस्था आईएसबीटी में मौजूद है। आईएसबीटी का निर्माण कुल 60 करोड़ रुपए की लागत से करायी गयी है। लेकिन वर्तमान में बसों की हड़ताल होने की वजह से आम यात्रियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बड़ी बात यह है कि यात्रियों को यह जानकारी ही नहीं है कि सभी बसों की हड़ताल चल रही है। ऐसे में यात्री ऑटो या टोटो से आईएसबीटी तक पहुंच रहे हैं। लेकिन वहां पहुंचने के बाद उन्हें जानकारी मिल रही है कि यहां से बसों का परिचालन ही नहीं हो रहा है। इन्हीं सब मुद्दों को लेकर हिन्दुस्तान से संवाद के दौरान लोगों ने अपनी समस्याओं और उसके समाधान को लेकर अपनी-अपनी बात रखी।

जानकारियों के अभाव में भटकने को मजबूर यात्री, शहर से दूर आईएसबीटी पहुंचना बन रहा बोझ : देवघर के बाघमारा अवस्थित अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) से बसों का परिचालन ठप रहने के कारण यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शहर के पुराने बस स्टैंड से आईएसबीटी तक पहुंचने में पहले ही लोगों को अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ रहा है, ऊपर से जब वह आईएसबीटी पहुंचते हैं तो वहां पता चलता है कि बसें नहीं चल रही हैं। ऐसे में यात्री न केवल भ्रमित हो रहे हैं, बल्कि आर्थिक रूप से भी नुकसान झेल रहे हैं। स्थिति यह है कि वर्तमान में केवल एक निजी कंपनी की ही बस का परिचालन आईएसबीटी से हो रहा है। बाकी सभी बसें परिचालन से बाहर हैं। बस ऑनर एसोसिएशन द्वारा जारी हड़ताल के कारण आईएसबीटी से न तो लोकल रूट की बसें चल रही हैं, न ही अंतरराज्यीय रूट की। इससे आमजनों की परेशानियां काफी बढ़ गई है। बातचीत के दौरान लोगों ने कहा कि पुराने बस स्टैंड में यह जानकारी निश्चित रुप से मिलनी चाहिए कि आईएसबीटी से वर्तमान में किस-किस रुट की बसें चल रही हैं। साथ ही प्रशासन को चाहिए कि वह बस ऑनर एसोसिएशन से सामंजस्य स्थापित कर जल्द से जल्द सभी रुट की बसों का परिचालन शुरु कराए। नगर आयुक्त ने कहा कि पुराना बस स्टैंड करीब 100 वर्ष पुराना है और मात्र एक एकड़ में फैला है। आज की बस और यात्री संख्या को देखते हुए वह पर्याप्त नहीं है। वहीं आईएसबीटी 20 एकड़ में फैला है जिसमें से 10 एकड़ में आधुनिक बस टर्मिनल विकसित किया गया है।

सुझाव

1. प्रशासन और बस ऑनर एसोसिएशन के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जाए ताकि बसों का परिचालन शीघ्र शुरू हो सके।

2. पुराने बस स्टैंड पर सूचना बोर्ड और गाइडेंस सेंटर की स्थापना की जाए जिससे यात्रियों को सही जानकारी मिल सके।

3. आईएसबीटी में सभी बुनियादी सुविधाएं जल्द से जल्द चालू की जाएं जैसे टिकट काउंटर, सुरक्षा गार्ड, सफाई व्यवस्था आदि।

4. यात्रियों की सुविधा के लिए व्यापक सूचना प्रणाली विकसित की जाए, जिसमें सार्वजनिक घोषणा, हेल्प डेस्क और मार्गदर्शन केंद्र शामिल हों।

5. रूट परमिट और टाइमिंग संबंधी समस्याओं को हल करने के लिए आरटीओ और परिवहन विभाग सक्रिय भूमिका निभाए।

शिकायतें

1. बस ऑनर एसोसिएशन की हड़ताल के कारण बसों का परिचालन पूरी तरह से ठप है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है।

2. यात्रियों को यह जानकारी ही नहीं है कि आईएसबीटी से बसें नहीं चल रही हैं, जिससे वे भ्रमित हो रहे हैं और आर्थिक नुकसान उठा रहे हैं।

3. आईएसबीटी में टिकट काउंटर चालू नहीं है, न ही सुरक्षा व्यवस्था सक्रिय है, जिससे यात्रियों को असुविधा हो रही है।

4. टॉयलेट और परिसर की सफाई व्यवस्था संतोषजनक नहीं है, जिससे स्वास्थ्य और स्वच्छता को लेकर चिंता बनी हुई है।

5. प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार की सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई है, जिससे यात्रियों को सही जानकारी नहीं मिल पा रही है।

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