Doctors in Deoghar Go on Indefinite Strike Over Attack on Pediatrician Dr Kundan Kumar देवघर : डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, Deogarh Hindi News - Hindustan
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देवघर : डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल

देवघर में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कुंदन कुमार पर जानलेवा हमले के आरोपियों की गिरफ्तारी न होने के विरोध में सभी सरकारी और निजी डॉक्टरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है। इससे स्वास्थ्य सेवा...

Newswrap हिन्दुस्तान, देवघरThu, 24 April 2025 04:16 AM
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देवघर : डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल

देवघर, प्रतिनिधि शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कुंदन कुमार पर हुए जानलेवा हमले के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाने के विरोध में जिले के सभी सरकारी व निजी डॉक्टर बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। इससे जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। सदर अस्पताल सहित सभी निजी क्लिनिकों में ओपीडी सेवा बंद कर दी गई है, जिससे इलाज के लिए दूर-दराज से आए मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। डॉ. कुंदन कुमार पर जानलेवा हमले के विरोध में आईएमए के निर्णयानुसार सभी डॉक्टर हड़ताल पर हैं। बताते चलें कि डॉ. कुंदन कुमार की क्लिनिक में अबोध बच्चे की मौत के बाद उनपर परिजनों सहित अन्य द्वारा जानलेवा हमला कर बुरी तरह जख्मी कर दिया गया था। घटना को लेकर पीड़ित डॉक्टर की ओर से नामजद सहित अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराए जाने के चार दिन बीतने के बावजूद एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने से यहां के डॉक्टरों में भारी आक्रोश है। हड़ताल को लेकर आईएमए की ओर से पहले ही प्रशासन को अल्टीमेटम दे दिया गया था। डॉक्टरों का आरोप है कि घटना के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है, जिससे डॉक्टरों के बीच असुरक्षा और अविश्वास का माहौल बना हुआ है।

मरीजों पर पड़ा हड़ताल का सीधा स्तर :डॉक्टरों की हड़ताल का सीधा असर मरीजों पर पड़ा है। खासकर उन मरीजों पर जो दूर-दराज के गांवों से इलाज कराने के लिए देवघर सदर अस्पताल आते हैं। सामान्यतः प्रतिदिन सदर अस्पताल की ओपीडी में 700 से 800 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। बुधवार को ओपीडी सेवा पूरी तरह से ठप रहने के कारण सैकड़ों मरीजों को बिना इलाज वापस लौटना पड़ा। हालांकि अस्पताल की इमरजेंसी सेवा चालू रही, लेकिन वहां भी भीड़ और अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। बुधवार संध्या तक सदर अस्पताल की इमरजेंसी सेवा में 600 से अधिक मरीजों का इलाज किया गया। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि ज्यादातर मरीज सामान्य बीमारियों के लिए आए थे, लेकिन इमरजेंसी सेवा में केवल गंभीर और दूर-दराज से आए मरीजों को प्राथमिकता दी गई। कुछ मरीजों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि प्रशासन और पुलिस की लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। मरीजों ने मांग की कि जल्द से जल्द स्थिति सामान्य की जाए और डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। इस बीच, जिला प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण बनी हुई है। डॉक्टरों की हड़ताल जारी है और फिलहाल इसके खत्म होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। डॉक्टरों की हड़ताल न केवल स्वास्थ्य सेवा पर असर डाल रही है, बल्कि प्रशासनिक निष्क्रियता और कानून व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रही है।

लोगों के मन से खत्म हो रहा कानून का डर : डॉ. डी. तिवारी

- सदर अस्पताल सभागार में आईएमए जिला इकाई की बैठक

सदर अस्पताल के सभागार में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की जिला इकाई की बैठक बुधवार को आयोजित की गई। अध्यक्षता आईएमए देवघर के अध्यक्ष डॉ. डी. तिवारी ने की। बैठक में जिले भर के दर्जनों डॉक्टर शामिल हुए। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक ओपीडी सेवा पूरी तरह बंद रहेगी। केवल इमरजेंसी सेवा चालू रखी जाएगी। डॉ. तिवारी ने बताया कि घटना के बाद रविवार को ही आईएमए द्वारा देवघर एसपी को ज्ञापन सौंपा गया था, जिसमें 48 घंटे के भीतर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की गई थी। लेकिन पुलिस द्वारा इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उसके बाद मंगलवार को आईएमए के प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त से मिलकर ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन की प्रतियां राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी, देवघर एसपी और सिविल सर्जन को भी भेजी गई थी, बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने पहले 48 घंटे और फिर एक अतिरिक्त दिन का समय प्रशासन को दिया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। पुलिस की ओर से ना कोई आश्वासन दिया गया और ना ही डॉक्टरों से कोई संवाद स्थापित किया गया। कहा कि पुलिस गहरी नींद में सो रही है। कानून का डर लोगों के मन से खत्म होता जा रहा है। ऐसे में मजबूरी में हड़ताल पर गए हैं। डॉ. तिवारी ने यह भी कहा कि अगर प्रशासन ऐसे मामलों में सख्ती नहीं बरतेगा और समय पर कार्रवाई नहीं करेगा तो समाज में अराजकता बढ़ती ही जाएगी। उन्होंने समाज के प्रबुद्धजनों से अपील की है कि डॉक्टरों के इस आंदोलन में साथ खड़े हों और उनकी आवाज बनें, ताकि समाज में कानून का राज स्थापित हो सके। बैठक के दौरान सिविल सर्जन डॉ. युगल किशोर चौधरी, आईएमए देवघर के अध्यक्ष डॉ. डी तिवारी, झासा देवघर के सचिव डॉ. प्रभात रंजन, डॉ. अमित कुमार, डॉ. अम्बरिश ठाकुर, डॉ. चितरंजन कुमार पंकज सहित जिले के दर्जनों सरकारी व निजी डॉक्टर उपस्थित थे।

फोटो-23देव12,13,14- सदर अस्पताल सभागार में बैठक करते आईएमए के डॉक्टर।

फोटो-23देव08,09,10- डॉक्टरों की हड़ताल के कारण सदर अस्पताल में परेशान मरीज।

फोटो-23देव11- डॉक्टरों की हड़ताल के कारण सदर अस्पताल में इमरजेंसी में इलाज करते डॉक्टर।

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