स्वास्थ्य मंत्री के आदेश पर गठित हुई पांच सदस्यीय जांच टीम
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी के आदेश पर एक पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया है, जो मृतक कन्हैया के शव को जमीन बेचकर देने के मामले की जांच करेगी। टीम में सिविल सर्जन और अन्य अधिकारी...

देवघर। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी के आदेश पर सिविल सर्जन डॉक्टर युगल किशोर चौधरी के नेतृत्व में एक पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया है, जो मृतक कन्हैया के शव को जमीन बेचकर देने के मामले की जांच करेगी। यह टीम शनिवार देर रात गठित की गई, जिसमें सिविल सर्जन के अलावा अन्य उच्चाधिकारी भी शामिल होंगे। टीम में एसीएमओ डॉक्टर पीके शर्मा, डीएमओ डॉ. अभय कुमार यादव, मोहनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी श्याम किशोर सिंह और हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमरीश ठाकुर भी शामिल हैं। मामला मोहनपुर प्रखंड क्षेत्र के चकरमा गांव से जुड़ा हुआ है, जहां मृतक कन्हैया का शव कुंडा थाना के मेधा सेवा सदन में था । डॉक्टर ने उसके पिछे किये गए खर्च लिया जो मृतक की मां ने जमीन बेच कर दी । इसके बाद शव को अस्पताल से निकाल कर परिजनों को दिया गया था। इस गंभीर मामले की जांच सिविल सर्जन के नेतृत्व में की जाएगी, और टीम गांव जाकर मृतक के परिवार से सारी जानकारी प्राप्त करेगी। टीम का मुख्य उद्देश्य इस घटना की सही स्थिति को समझना और सभी तथ्यों को ऑन रिकॉर्ड लेना है। सिविल सर्जन डॉक्टर युगल किशोर चौधरी ने बताया कि यह जांच सरकार के निर्देशों के तहत की जा रही है, ताकि इस घटना से जुड़े सभी तथ्यों का पता चल सके। जांच टीम का प्रमुख कार्य मृतक के परिवार से जानकारी एकत्र करना और घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण करना है। जांच के बाद रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजी जाएगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। सिविल सर्जन ने यह भी कहा कि जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद सरकार अपने स्तर से आगे की कार्रवाई करेगें ।
रविवार को भी महिला को अज्ञात लोगो ने किया फोन : मिली जानकारी के अनुसार मृतक किशोर की मां ने जानकारी देते हुए कहा कि रविवार सुबह में किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसे फोन कर मामला रफा दफा करने की बात कर रहे थे । उन्होने कहा कि डॉक्टर से बात कराते हैं। लेकिन महिला ने डॉक्टर से बात करने से इंकार की ओर फोन को काट दी ।
कार चालक पर प्राथमिकी : उधर मोहनपुर पुलिस ने महिला द्वारा दी गई बयान के आधार पर मामले की जांच करते हुए प्राथमिकी दर्ज की है। इसके बाद जांच पदाधिकारी ने मृतक की मां को घटना स्थल बुला कर पूछताछ की ओर ई-साक्ष्य में बयान को दर्ज की। साथ ही दो साक्ष का भी बयान दर्ज किया गया है। जो सिर्फ घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी गई है। उस दौरान महिला ने जांच पदाधिकारी को भी जमीन बेचकर रुपए देने की बात कहा है। लेकिन पुलिस ने इस मामले को देखते हुए उसके द्वारा सदर अस्तपाल के ओपी में दिए गए बयान के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की है।
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