Nine-Day Musical Ram Katha Celebrated in Deoghar with Dhanush Yagya संगीतमय रामकथा में सुनायी गयी धनुष यज्ञ की कथा, Deogarh Hindi News - Hindustan
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संगीतमय रामकथा में सुनायी गयी धनुष यज्ञ की कथा

देवघर में 9 दिवसीय संगीतमय रामकथा का आयोजन किया जा रहा है। चौथे दिन धनुष यज्ञ से संबंधित कथा सुनाई गई। प्रवचनकर्ता कपिल भाई ने मुनि विश्वामित्र और भगवान राम के साथ धनुष यज्ञ की कथा सुनाई। रामकथा में...

Newswrap हिन्दुस्तान, देवघरTue, 29 April 2025 03:25 AM
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संगीतमय रामकथा में सुनायी गयी धनुष यज्ञ की कथा

देवघर,प्रतिनिधि। संगीतमय रामकथा आयोजन समिति देवघर द्वारा विलियम्स टाउन रानी कोठी के निकट चित्रकूट प्रांगण में 9 दिवसीय संगीतमय राम कथा का आयोजन किया जा रहा है। राम कथा के चौथे दिन सोमवार को धनुष यज्ञ से संबंधित कथा श्रद्धालुओं को सुनायी गयी। संगीतमय रामकथा में प्रवचनकर्ता कपिल भाई कथा का वाचन कर रहे हैं। कथा सुनाते हुए प्रवचनकर्ता ने कहा कि महामुनि ज्ञानी विश्वामित्र वन में वास करते हुए ईश्वर की आराधना पूजा करते हैं। वन में और भी अनेकों ऋषि मुनियों का आश्रम है। असुरों का समूह इन्हें पूजा पाठ में बाधा उत्पन्न करता है एवं आतंकित करता है। मुनि विश्वामित्र अयोध्या नगरी जाकर महाराजा दशरथ से उनके दो पुत्र राम और लक्ष्मण को मांग कर वन में साथ ले जाते हैं, जो असुरों का विनाश करते हैं। मिथिला नगरी में धनुष यज्ञ देखने के लिए मुनिवर विश्वामित्र के संग राम और लक्ष्मण धनुष यज्ञशाला में पधारते हैं। राजा जनक की प्रतिज्ञा है कि राज-समाज के बीच जो शिव धनुष को भंग कर देगा उसके साथ में अपनी कन्या जानकी का विवाह कर देंगे। विश्व भर के राजाओं, पहलवान पुरुषों को निमंत्रण भेजा जाता है। पुरुषार्थ करने वाले लोग प्रयास करते हैं, उनसे धनुष थोड़ा भी नहीं हिलता है। मुनि विश्वामित्र की आज्ञा पाकर प्रभु राम शिव धनुष को बड़े ही सरलता से भंग करके दोनों खंड भूमि पर रख देते हैं। जिसके बाद विश्व भर में जयराम वाणी एवं पुष्प वर्षा होती है। रामकथा में मंगलवार को श्रीसीताराम विवाह प्रसंग का प्रवचर्न किया जाएगा। रामकथा को सफल बनाने में आयोजन समिति के अध्यक्ष आरपीएम पुरी, कार्यकारी अध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह, महामंत्री अंजनि कुमार मिश्रा, संयोजक योगेंद्र नारायण सिंह, सचिव पंकज सिंह भदोरिया,उमेश प्रसाद सिंह, संरक्षण कृष्णकांत मालवीय, संतोष कुमार, डॉ.नागेश्वर शर्मा, अवध विहारी प्रसाद, सुनील ठाकुर, इन्दिरा नंद सिंह, श्यामदेव राय, गिरीग प्रसाद सिंह, रीता चौरसिया, ओपी मिश्रा, दिलीप श्रीवास्तव, भुनेश्वर प्रसाद सिंह, योगेंद्र प्रसाद सिंह, जयनाराय सिंह,सियाराम, सखीचन्द प्र⋅साद सिंह, कार्यनंद सिंह, संजय सिंह, राम श्रृंगार पांडे, शंभु प्रसाद वर्मा, आशीष वाजपेई, अर्जुन प्रसाद सिंह, शिव नंदन सिंह, शशिकांत झा, राधाकांत झा, निशा सिंह, सुभद्रा सिंह, ममता देवी, रानी देवी सराहनीय योगदान दे रहे हैं। इस अवसर पर अरुण झा,अम्बिका प्रसाद, रमेश कुमार, सुनील सिंह,रमन, विष्णु देव प्रसाद सिंह, संत पुपरी सहित काफी संख्या में महिला पुरुष श्रद्धालु उपस्थित थे।

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