समाज और नवाचार के बीच की खाई को पाटना समय की मांग : निदेशक
आईआईटी आईएसएम धनबाद के निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा ने कहा कि वैज्ञानिक संवाद से शोध उत्पन्न होता है, जो समाज की जरूरतों के अनुसार उत्पादों के विकास में सहायक होता है। यह कार्यक्रम केमिकल और बायोकेमिकल...

धनबाद, मुख्य संवाददाता आईआईटी आईएसएम धनबाद के निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा ने कहा कि वैज्ञानिक बहस से शोध की उत्पत्ति होती है और शोध से समाज की जरूरतों के अनुसार उत्पादों का विकास होता है। आज समाज और नवाचार के बीच की खाई को पाटना समय की मांग है। नवाचार को आगे बढ़ाने में वैज्ञानिक संवाद की भूमिका पर उन्होंने जोर दिया। निदेशक ने उक्त बातें शनिवार को आईआईटी धनबाद में आयोजित एक दिवसीय केमिकल एंड बायोकेमिकल इंडस्ट्री मीट में कहीं। रासायनिक और जैव-रासायनिक उद्योग के साथ शैक्षणिक जगत के सहयोग को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाते हुए आईआईटी धनबाद में यह आयोजन हुआ।
कार्यक्रम का उद्देश्य उद्योग के वर्तमान रुझानों, भविष्य की आवश्यकताओं और औद्योगिक चुनौतियों पर संवाद को बढ़ावा देना है। रसायन विज्ञान और रासायनिक जीव विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. पार्थसारथी दास ने एकेडमिक और औद्योगिक क्षेत्रों के बीच तालमेल को आवश्यक बताया। संगोष्ठी को संबोधित करनेवाले में औद्योगिक विशेषज्ञों आनंद ग्रोवर, डॉ केशरी श्रीनिवास, डॉ अशोक के झा, डॉ अर्नब डे, श्रीहरि बाबू, डॉ साजल माल, एसआर राउत, डॉ. अनुराग सिन्हा समेत अन्य शामिल हैं।
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