भौरा में कांटा घर निर्माण को लेकर प्रबंधन करा रहा है जमीन समतल, रैयतों ने किया विरोध
रैयतों ने कहा पहले जमीन के बदले मुआवजा दे प्रबंधन फिर करें काम, आज क्षेत्रीय कार्यालय में होगी प्रबंधन और रैयतों के बीच वार्तारैयतों ने कहा पहले जमीन

भौंरा। बीसीसीएल के पूर्वी झरिया क्षेत्र के भौरा टैक्सी स्टैंड के समीप शुक्रवार को क्षेत्रीय प्रबंधन द्वारा कांटा घर निर्माण को लेकर शुक्रवार को जमीन समतलीकरण करवाया जा रहा था। इस बात की जानकारी मिलते ही काफी संख्या में रैयत पहुंच गए। ग्रामीण जमीन समतलीकरण का विरोध करना शुरू कर दिए। रैयतों भौरा परसियाबाद के रैयत आशा हेम्ब्रम, भरत मांझी, छोटीया मांझी व मोती लाल हेंब्रम का कहना था कि यह जमीन बीसीसीएल की नहीं है। यह जमीन हमारी है। कंपनी हमे मुआवजा दे। फिर काम शुरू करें। जबकि बीसीसीएल प्रबंधन का कहना है कि जमीन कम्पनी की है। इसको लेकर काफी देर तक हो हंगामा होते रहा। धीरे धीरे काफी संख्या में ग्रामीण जुट गए। जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। जिसके बाद क्षेत्रीय भूसंपदा पदाधिकारी बिनोद लाल ने उक्त जमीन का कागजात रैयतों को दिखाते हुए कहा कि यह जमीन बीसीसीएल की है। लेकिन रैयतों ने उनकी एक भी नहीं सुनीं। रैयतों का कहना है कि कंपनी द्वारा अभी तक जमीन का मुआवजा नहीं दिया गया है । जमीन हमलोगों की है। जब मुआवजा का भुगतान नहीं हो जाता है। तब तक कांटा घर नहीं बनने दिया जायेगा। काफी देर तक बहस होने के बाद रैयतों से शनिवार की सुबह 10 बजे क्षेत्रीय कार्यालय में वार्ता के लिये तैयार किया। उसके बाद मामला शांत हुआ। मौके पर भौंरा कोलियरी समूह के परियोजना पदाधिकारी विनोद कुमार पांडेय, प्रंबधक अजीत सिंह यादव, रैयतों में शांति मांझीईन, लता देवी, निरंजन महतो सहित मांझी बस्ती के दर्जनों लोग मौजूद थे।
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