अंजुमन इस्लामियां गुमला के बैनर तले निकाली गई वक्फ बिल के खिलाफ रैली
हमारी लड़ाई किसी दूसरे कौम से नहीं है बल्कि सरकार से है:सदर मुशाहिद आजमी हमारी लड़ाई किसी दूसरे कौम से नहीं है बल्कि सरकार से है:सदर मुशाहिद आजमीहमारी

गुमला प्रतिनिधि। शुक्रवार को अंजुमन इस्लामियां गुमला के आह्वान पर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत जिला मुख्यालय में बाद नमाज जुमा भारी तादाद में मुस्लिम समाज सड़कों पर उतरा।मुसलमानों के जन सैलाब से दोपहर दो बजे से चार बजे तक पूरे शहर में जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई।यह जुलूस मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के निर्देशानुसार संविधान के दायरे में निकाला गया।जुलूस की अगुवाई अंजुमन इस्लामिया के सदर मुशाहिद आज़मी सचिव मकसूद आलम जामा मस्जिद के इमाम इनआम रब्बानी और जिले के सभी ग्रामीण अंजुमन के ओहदेदारों और तमाम मस्जिद के इमाम व उलेमा कर रहे थे।वक्फ बिल के संशोधन के खिलाफ मुसलमानों का आक्रोश देखने योग्य था।इस
विरोध में लोग अपने-अपने हाथों में वक्फ बिल संशोधन के खिलाफ तख्तियां थामे चल रहे थे। तख्तियों में लोकतंत्र की हत्या बंद करो, वक्फ की संपति हमारी है, वक्फ संशोधन बिल मंजूर नहीं, काला कानून वापस लो, वक्फ संशोधन बिल रद्द करो आदि नारे लिखे हुए थे। यह मौन जुलूस थाना रोड से स्थित जामा मस्जिद से शुरू किया गया, जो थाना रोड, टावर चौक, मेन रोड, पटेल चौक, लोहरदगा रोड होते हुए थाना चौक पहुंचा। थाना चौक से पुन: जामा मस्जिद के पास पहुंचकर जुलूस एक सभा में तब्दील हो गया। वक्फ संशोधन कानून के विरोध में निकाले गए जुलुस में स्थानीय विधायक भूषण तिर्की भी शामिल हुए। उन्होने कहा कि वक्फ की संपत्ति पर मुसलमान का अधिकार होना चाहिए। क्योंकि जब भी कोई धार्मिक ट्रस्ट या समिति बनाई जाती है तो उसकी देखरेख, उसकी हिफाजत और उसके उत्तराधिकारी उसी धर्म के लोग हुआ करते हैं। केंद्र सरकार ने वक्फ बिल में संशोधन करके मुसलमान के अधिकारों का हनन किया है। इससे वक्फ की संपत्ति पर मुसलमान का कोई भी अधिकार सुरक्षित नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि वे इस कानून का विरोध करते हैं।अंजुमन सदर मुशाहिद आज़मी जुलूस की समाप्ति के बाद सभा को संबोधित करते हुए मुशाहिद आजमी पम्मू ने कहा कि वक्फ बिल में संशोधन करके हुकूमत अपने पीठ को खुद थपथपा रही है। यह मुसलमानो के अधिकार का हनन है। इस बिल से मुसलमानो की दान की गई संपत्ति पर मुसलमान का अधिकार नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन बिल सीधे संविधान पर हमला है।उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार से आग्रह है कि वह विधानसभा में यह पारित करे कि इस काले कानून का झारखंड में अनुपालन नहीं किया जाए।उन्होंने यह भी कहा कि हमारी यह लड़ाई किसी दूसरे कौम से नहीं है बल्कि केंद्र सरकार से है जो मुसलमानों के हक और अधिकार का हनन कर रही है।मौके पर जिले के सभी प्रखंडों और गांवों के अंजुमन भी शामिल होकर एकजुटता का पुरजोर परिचय दिया है।मौके पर सचिव मकसूद आलम,पूर्व उपाध्यक्ष कलीम अख्तर,अंजुमन के पूर्व सचिव खुर्शीद आलम,मो.लड्डन,मो.मिनहाज,छोटी मस्जिद के ईमाम हाफिज जाहिद समेत में हजारों की तादाद में मुस्लिम समाज के लोग मौजूद थे।
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