आरबीएसके के माध्यम से जन्म से 18 वर्ष तक के बच्चों को मिल रहा है जीवनदान
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) ने 1 साल के सार्थक चंद की जांच की, जिसमें हृदय की धड़कन में असमानता पाई गई। उसे रुद्रपुर के अस्पताल में रेफर किया गया, और फिर देहरादून में सफल इलाज किया...

खटीमा। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) बच्चों के जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार लाने और समुदाय के सभी बच्चों को व्यापक देखभाल प्रदान करने का एक कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम में जन्म से लेकर 18 वर्ष की आयु के बच्चों की जन्म के समय दोष, रोग, कमी और विकास में देरी के लिए जांच शामिल है। इस योजना में 32 सामान्य स्वास्थ्य स्तिथियां शामिल हैं ताकि प्रारंभिक पहचान और तृतीयक स्तर पर सर्जरी सहित मुफ्त उपचार और प्रबंधन किया जा सके। पहचाने गए स्वास्थ्य स्थितियों से पीड़ित बच्चों को जिला स्तर पर प्रारंभिक हस्तक्षेप सेवाएं और अनुवर्ती देखभाल प्रदान की जाती है।
यह कार्यक्रम राज्यों को निजी सूचीबद्ध अस्पतालों की सेवाओं का उपयोग करने का लचीलापन भी प्रदान करता है। जिन्होंने हृदय संबंधी मामलों, जन्मजात दोषों के उपचार जैसी स्थितियों के लिए उपचार प्रदान करने के लिए राज्य सरकारों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। जिससे बच्चों को समय पर देखभाल का प्रावधान सुनिश्चित हो सके। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम टीम-बी के अंतर्गत कार्यरत डॉ शैलजा के द्धारा फरवरी माह 2024 को भुजिया नंबर 3 आंगनवाडी केंद्र में सार्थक चंद 1 साल के बच्चे की जांच की गई जिसमें बच्चे के हृदय की धड़कन में असमानता (हृदय में छेद की समस्या) पाई गई। जिसे रुद्रपुर के लिए रेफर किया गया। वहां से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के मैनेजर जावेद व पुरन मल की मदद से देहरादून अस्पताल में मार्च 2024 में बच्चे का सफल इलाज किया गया। आज बच्चा स्वस्थ है। बच्चे के माता पिता जितेंद्र चंद ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम टीम बी, रुद्रपुर अस्पताल के पुरन मल व जावेद का आभार व्यक्त किया।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।