बाल विवाह को जड़ से मिटाने का संकल्प
गिरिडीह में बनवासी विकास आश्रम ने बाल विवाह रोकने और बाल अधिकारों की रक्षा के लिए जागरूकता अभियान चलाया। अक्षय तृतीया पर किसी भी मंदिर में बाल विवाह न होने देने का निर्णय लिया गया। संगठन ने दो लाख से...

गिरिडीह, प्रतिनिध। बनवासी विकास आश्रम की तरफ से बाल विवाह को रोकने और बाल अधिकारों की रक्षा के उद्देश्य से एक जागरूकता अभियान चलाया गया। देश भर में बाल अधिकारों के लिए काम रही जेआरसी के सहयोगी संगठन बनवासी विकास आश्रम की आरे से यह निर्णय लिया गया कि अक्षय तृतीया के मौके पर ध्यान रखा जाएगा कि किसी भी मंदिर में बाल विवाह न होने पाए। मंगलवार को प्रेस वार्ता आयोजित कर संगठन के सचिव सुरेश शक्ति ने बताया कि कोई भी बाल विवाह किसी पंडित, मौलवी या पादरी के बिना नहीं हो सकता इसलिए उनलोगों से भी संगठन गुजारिश करता है कि वे इस तरह की शादियों को न करवाएं और समाज में अपनी अच्छी भूमिका का परिचय दें। बताया गया कि इस तरह के बाल विवाह रोकने के लिए सरकारों ने कई कानून बनाए हैं और जागरूकता के लिए भी विभिन्न आयोजन किए जाते हैं। उसी कड़ी में बनवासी विकास आश्रम ने भी दो लाख से ज्यादा बाल विवाह को रोकने में सफलता पाई है। साथ ही पांच करोड़ से ज्यादा लोगों को बाल विवाह के खिलाफ खड़े होने के लिए शपथ भी दिलवाई है। इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम और शपथ लेने से समाज में इसका असर भी दिख रहा है और वह समय दूर नहीं जब लोग इस कुप्रथा को पूरी तरह से नकार देंगे।
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