एक भाई का नाइजर में अपहरण तो दूसरा भाई कानपुर में हुआ घायल
पश्चिमी अफ्रीका के नाइजर में अपहृत मजदूरों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है, जिससे उनके परिजनों की चिंता बढ़ गई है। 25 अप्रैल को बगोदर के पांच मजदूरों का अपहरण किया गया था। परिजनों ने सरकार से अपहृत...

धर्मेन्द्र पाठक, बगोदर। पश्चिमी अफ्रीका के नाइजर देश में अपहृत मजदूरों का मंगलवार को पांचवें दिन भी कोई सुराग नहीं मिला है। इससे परिजनों की चिंता बढ़ती जा रही है। अपहृत मजदूरों की रिहाई और सकुशल वापसी की मांग परिजनों के द्वारा की जा रही है। बता दें कि 25 अप्रैल को बगोदर के पांच प्रवासी मजदूरों का सशस्त्र अपराधियों के द्वारा अपहरण कर लिया गया है। जिसमें दोंदलो पंचायत के चार और मुंडरो पंचायत का एक मजदूर शामिल है। कमोबेश अपहृत सभी मजदूरों के परिजनों का एक जैसा हाल है। चिंता से परिजनों की नींद और चैन खो गया है। परिजनों की इस बात की चिंता सता रही है कि अपहृत मजदूर किस हाल में रह रहे हैं और अपहरण क्यों किया गया है और उन्हें कब छोड़ा जाएगा। हालांकि अपहृत मजदूरों की रिहाई के लिए केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा प्रयास किया जा रहा है।
दूसरा भाई बिजली पोल से गिरकर हुआ घायल
अपहृत मजदूरों में मुंडरो पंचायत का उत्तम महतो भी शामिल है। हिन्दुस्तान के इस प्रतिनिधि ने मंगलवार को मुंडरो पहुंचकर उतम महतो के परिजनों से मुलाकात की और अपहरण की घटना के बाद परिवार के हालात को जानने की कोशिश की। इस बीच परिजनों से जानकारी मिली कि शुक्रवार को दोपहर तीन बजे के करीब नाइजर देश में उतम महतो का अपहरण कर लिया गया है। उतम महतो की बात पत्नी युगली देवी से शुक्रवार दोपहर तक उसकी बात हुई थी। उसके बाद से कोई संपर्क या बात नहीं हो पायी है। वहीं कानपुर में रहने वाले उसका छोटा भाई प्यारी महतो का ठीक दूसरे दिन शनिवार को एक हादसे में एक हाथ और एक पैर में गंभीर चोट लगी है। वह कानपुर के अस्पताल में इलाजरत हैं। हाथ और पैर में इतनी गंभीर चोट लगी है कि ऑपरेशन की नौबत आ गयी है। प्यारी महतो की पत्नी संजू कुमारी बताती है कि उसके पति कानपुर में रहकर ट्रांसमिशन लेन में काम करते हैं। काम के दौरान शनिवार को बिजली पोल से गिर जाने से एक हाथ और एक पैर में गंभीर चोट लगी है। अस्पताल में भर्ती हैं और ऑपरेशन किया जाना है।
दामाद का अपहरण की बात सुनकर दौड़ी चली आई सास
अपहृत उत्तम महतो का ससुराल बिष्णुगढ़ प्रखंड के खरना गांव में है। दामाद का अपहरण की घटना सुनकर उसकी सास शांति देवी दौड़ी- भागी मुंडरो पहुंच गई। दामाद का अपहरण होने से वह बहुत दुखी है। अपने दामाद की सकुशल रिहाई और घर वापसी की मांग उसके द्वारा की गई। बताती हैं कि दामाद का अपहरण के बाद बेटी का बुरा हाल हो गया है। हालांकि उस समय उसकी बेटी घर पर नहीं थी। पता चला कि गांव में नवनिर्मित दुर्गा मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर महायज्ञ हो रहा है और कलश यात्रा निकाली गई है। पति की सकुशल रिहाई और वापसी की ईश्वर से कामना करते हुए वह कलश यात्रा में शामिल होने गई थी। अपहृत मजदूर उतम महतो की सास बताती है कि उसके बेटे - दामाद के तीन बच्चे हैं। इसमें दो लड़की और तीन साल का एक लड़का शामिल है। पिता के अपहरण की बात सुनकर छोटी बेटी अनीशा का तबीयत खराब हो गयी है। उसे बुखार आ रहा है। बड़ी बेटी मनीषा का कहना है कि उसे पता है कि उसके पिता का अपहरण हो गया है। सरकार से अपने पिता की सकुशल रिहाई की उसने मांग की है।
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