फेंकी हुई सरकारी दवा के मामले में एसडीएम ने दिए जांच के आदेश
खोरीमहुआ के कर्माटांड़ जंगल में भारी मात्रा में सरकारी दवा फेंकी गई। एसडीएम ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि सरकार द्वारा दी गई दवा गरीबों को मुफ्त में वितरण के लिए...

खोरीमहुआ। खोरीमहुआ अनुमंडल के धनवार प्रखण्ड क्षेत्र के खोरीमहुआ-सरिया मुख्य मार्ग से सटे कर्माटांड़ जंगल में रविवार रात एक ही स्थान पर फेंकी हुई भारी मात्रा में बरामद सरकारी दवा के मामले में एसडीएम खोरीमहुआ ने जांच के निर्देश दिए हैं। बतला दें कि रविवार रात उक्त जंगल से होकर गुजर रहे कुछ लोगों को भारी मात्रा में वहां सरकारी दवा दिखी थी। जिसे देख लोगों ने एक दूसरे को जानकारी दी तो बात हवा की तरह फैल गयी। लोग जा-जाकर देखने लगे पर दवा इतनी मात्रा में थी कि कर्मियों को हाथ से उठाने में घंटों लग गये और लोग दवा की कीमत का आंकलन लगा पाने में असमर्थ थे।
लोग तरह-तरह की चर्चा करते नजर आए। लोगों का मानना है कि सरकार द्वारा गरीब असहाय तथा जरूरतमंदों को मुफ्त में वितरण करने के लिए सरकार दवा देती है। जिसे मुफ्त में वितरण न कर इलाज के दौरान पर्ची में लिख कर दवा दुकानों से ख़रीदवाते हैं ताकि वहां से उचित कमीशन मिल सके। ऐसी कई तरह की अटकलें लगाई जा रही है पर मामला जो भी है जिसने भी इस तरह की घटना को अंजाम दिया वैसे लोगों पर जांच कर उचित कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं कतिपय चिकित्सकों की मानें तो सरकार के माध्यम से स्वास्थ्य केंद्रों को दवा मुहैया कराई जाती है ताकि इसको सहिया दीदी तथा पोषण सखी आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से लोगों तक लाभ पहुंचाया जा सके। बताया कि फेरस एस्कॉर्बेट और फोलिक एसिड शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं। आयरन की कमी से होने वाली एनीमिया के इलाज के लिए फेरस एस्कॉर्बेट गोलियां महत्वपूर्ण हैं। फोलिक एसिड लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करने में मदद करता है व शरीर के सभी हिस्सों में ऑक्सीजन की आपूर्ति को बढ़ावा देता है। धनवार के बीस सूत्री अध्यक्ष सफीक अंसारी ने रेफरल अस्पताल का औचक निरीक्षण कर कहा कि यह जनता के साथ बड़ा धोखा है। सरकार छोटे-छोटे बच्चों से लेकर बड़े बूढ़ों को स्वथ्य रखने के लिए मुफ्त में दवा की व्यवस्था करती है। अस्पताल के कर्मियों के द्वारा उसे वितरण करने की बजाय जंगलों में फेंकवा दिया जाता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। बताया कि बरामद दवाईयों को धनवार रेफरल अस्पताल में रखवाया गया है। हम उपायुक्त तथा स्वास्थ्य मंत्री झारखण्ड सरकार से इस मामले को संज्ञान में लेकर उच्च स्तरीय जांच करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग करते हैं ताकि भविष्य में सरकार की योजनाओं का सही लाभ लाभुकों को मिल सके। एसडीएम ने क्या कहा उक्त मामले में एसडीएम अनिमेश रंजन ने बताया कि भारी मात्रा में दवा बरामद हुई है। जिसको लेकर धनवार, बिरनी तथा कोडरमा जिला के मरकच्चो प्रखण्ड क्षेत्र धनवार से सटे होने के कारण उस क्षेत्र की भी जांच होगी। इसके लिए टीम गठित कर ली गयी है। बताया कि फेरस सल्फेट एंव फोलिक एसिड टैबलेट ज्यादातर मात्रा में है। जबकि और कई तरह की दवाईयां भी है। जिसकी गिनती टीम के माध्यम से कराई जा रही है। कहा कि अभी दवा की कीमत का आंकलन लगाना सम्भव नहीं है।
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