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धूपबत्ती-अगरबत्ती का धुआं भी बना रहा अस्थमा का शिकार

Rampur News - कोरोना महामारी के दौरान अस्थमा के मरीजों की संख्या बढ़ी है। विश्व अस्थमा दिवस हर साल मई के पहले मंगलवार को मनाया जाता है। इस बार की थीम है सभी के लिए सांस द्वारा उपचार सुलभ बनाना। अस्थमा से पीड़ित...

Newswrap हिन्दुस्तान, रामपुरTue, 6 May 2025 05:36 AM
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धूपबत्ती-अगरबत्ती का धुआं भी बना रहा अस्थमा का शिकार

कोरोना की महामारी में सबसे अधिक फेफड़े प्रभावित हुए थे। बीते चार सालों के अंदर अस्थमा के मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। प्रदूषण और धूम्रपान कम उम्र में अस्थमा होने का एक प्रमुख कारक है। इस बीमारी में कुछ स्थितियों में मरीज को सांस लेना मुश्किल हो जाता है। हर साल मई के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है। इस बार विश्व अस्थमा दिवस की थीम है सभी के लिए सांस द्वारा उपचार सुलभ बनाना। इस थीम का उद्देश्य यह है कि अस्थमा से पीड़ित हर व्यक्ति आवश्यक सांस द्वारा ली जाने वाली दवाओं तक पहुंच सके, जिससे उनकी बीमारी को नियंत्रित करने और गंभीर हमलों को रोकने में मदद मिल सके।

डाक्टरों के अनुसार श्वसन प्रणाली से जुड़ी कई गंभीर बीमारियों में अस्थमा भी शामिल है। यह एक ऐसी कंडिशन होती है, जिसमें श्वांस नली में सूजन की वजह से, यह संकरी हो जाती हैं और अधिक म्यूकस बनाने लगती है। इस कारण सांस लेने में तकलीफ, सांस फूलना, खांसी, सांस लेते समय सीटी जैसी आवाज आने जैसी परेशानियां शुरू हो जाती हैं। हालांकि, यह फैलने वाली बीमारी नहीं है, लेकिन सही इलाज न मिलने पर यह जानलेवा हो सकती है। डाक्टरों के अनुसार धूपबत्ती और अगरबत्ती के धुएं ने भी फेफड़ों को बीमार करना शुरू कर दिया। इस वजह से लोग अस्थमा का शिकार हो रहे हैं। --अस्थमा से ऐसे कर सकते हैं बचाव फोटो------ जिला अस्पताल के सीएमएस और चेस्ट फिजीशियन डा. डीके वर्मा के अनुसार अस्थमा से बचने के लिए धूल और प्रदूषण आदि से बचना चाहिए। नियमित रूप से सांस वाले व्यायाम करें। जिससे फेफड़ों को स्वस्थ रखा जा सके। अस्थमा के मरीज हैं तो इन्हेलर को हमेशा अपने साथ में रखें। उन्होंने कहा कि समस्या बढ़ने पर तुरंत डाक्टर से परामर्श लें। बिना डाक्टर के परामर्श के अस्थमा की दवा या इन्हेलर न लें। अस्थमा के लक्षण:- ●-खांसी, विशेष रूप से रात में। ●-सीने में जकड़न और सांस लेने में तकलीफ महसूस होते रहना। ●-थकान-छाती में दर्द। ●-तेजी से सांस लेने की आवश्यकता महसूस होना। ●-धूल या विपरीत परिस्थितियों में सांस न आने जैसा अनुभव।

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