खोरीमहआ चौक पर पेयजल व यात्री शेड की सुविधा बहाल हो
खोरीमहुआ चौक पर यात्रियों को गर्मी में पेयजल की कमी और सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। यहां न तो चापानल है और न ही यात्री शेड। स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण यात्रियों...

खोरीमहुआ। झारखण्ड की राजधानी रांची, उप राजधानी दुमका सहित बंगाल व बिहार को जोड़ने वाले खोरीमहुआ चौक पर तपती गर्मी में पहुंचने वाले यात्रियों को पेयजल सहित कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। खोरीमहुआ चौक की ख्याति देखकर ही अनुमंडल का नाम खोरीमहुआ अनुमंडल दिया गया पर खोरीमहुआ की समस्याओं पर न सांसद की नजर है न विधायक की। प्रशासन की भी अनदेखी के कारण खोरीमहुआ उपेक्षा का दंश झेल रहा है। गर्मी चरम पर है वहीं इस चौक पर पहुंचने वाले यात्रियों को पीने के पानी की यहां कोई सुविधा नहीं है। खोरीमहुआ चौक पर एक भी चापानल नहीं है और न ही यहां कोई प्याऊ है। बतला दें कि खोरीमहुआ चौक पर तीन दिशाओं से आने वाले यात्री वाहनों के ठहराव अलग-अलग जगहों पर है। पर न तो वाहनों के ठहराव के स्थान पर यात्री शेड हैं और न ही पीने के लिए चापानल या फिर किसी प्याऊ की ही व्यवस्था प्रशासनिक स्तर पर की गई है। विधायक-सांसद ने भी इस दिशा में कोई पहल नहीं की है। स्थानीय पंचायत के मुखिया के द्वारा भी यात्रियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं करवाई गई है। यात्रियों को अपना मुंह हाथ धोने तक के लिए 20 रु की बोतल बंद पानी का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। वर्षों पुराने यात्री शेड पर कब्जा कर उसे दुकान का रुप दे दिया गया है। यात्री शेड को अतिक्रमण मुक्त कराने को लेकर कई बार सीओ तथा एसडीएम को पत्र लिख कर लोगों के द्वारा अवगत कराया जा चुका है पर आज तक कोई पहल नहीं हुई है।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग
यात्रियों को यहां घोर परेशानी है। न पीने के पानी की सुविधा है और न ही आराम करने के लिए यात्री शेड ही है। जाड़ा-गर्मी और बरसात में उन्हें जैसे-तैसे वाहनों की प्रतीक्षा करनी पड़ती है। --समाजसेवी बंधन महतो
खोरीमहुआ चौक आसपास के इलाकों के लिए खासा महत्वपूर्ण है। यहां से हर तरफ जाने के लिए बसें और गाड़ियां मिलती है पर स्थानीय विधायक और सांसद सहित प्रशासन का ध्यान नहीं है। -- मो. इलियास
खोरीमहुआ चौक पर सबसे ज्यादा दिक्कत महिलाओं और बच्चों को होती है। कायदे से यहां शत्री शेड और प्रतीक्षालय भी होना चाहिए जिसमें मूत्रालय व शौचालय की व्यवस्था रहे। -- फारूक अंसारी
यहां दूर-दूर से यात्री पहुंचते हैं और बसों के इंतजार में घण्टों खड़े रहते हैं। ऐसे में बच्चे तो बच्चे बड़े-बुजुर्गों को भी काफी तकलीफ होती है। मौसम की मार यात्रियों को सहना पड़ रहा है। --मुन्ना अग्रवाल
खोरीमहुआ जैसी जगह पर यात्रियों के लिए पेयजल, शौचालय की व्यवस्था प्रशासन करे। यात्री शेड की भी यहां आवश्यकता है। फिलहाल गर्मी को देखते हुए प्याऊ स्थापित किया जाना चाहिए। -- उमेश चंद्र राय
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