कटकमसांडी में झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ विभाग ने चलाया अभियान ,एक गिरफ्तार
कटकमसंडी में एक तथाकथित डाक्टर बबलू बासु को गिरफ्तार किया गया। स्वास्थ्य मंत्री की शिकायत पर छापामारी के दौरान उसे निजी चिकित्सीय प्रैक्टिस करते हुए पकड़ा गया। उसके पास कोई चिकित्सीय लाइसेंस नहीं था।...

कटकमसंडी। प्रतिनिधि जिले के कटकमसांडी प्रखंड मे तथाकथित डाक्टर को गिरफ़्तार किया गया । विभाग ने इसके लिए गुरुवार को पुलिस बल के साथ छापामारी अभियान चलाया है। बरगड्डा गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने स्वास्थ्य मंत्री डां इरफान अंसारी को एक आवेदन देकर कटकमसंडी प्रखंड मे झोलाछाप डाक्टर के बढते प्रभाव की शिकायत की थी । तभी मंत्री के आदेश के बाद सरकार के संयुक्त सचिव ने सिविल सर्जन हजारीबाग को एक पत्र देकर जिले मे लगे सभी झोलाछाप चिकित्सकों के विरुद्ध सघन अभियान चलाते हुए नियमानुसार कार्रवाई की जाय । संयुक्त सचिव के आदेश के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, कटकमसांडी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. भूषण राणा के नेतृत्व मे गुरुवार को गठित प्रखंड स्तरीय जांच दल ने नवादा, बहिमर गांव में एक व्यक्ति को अवैध रूप से निजी चिकित्सीय प्रैक्टिस करते हुए पकड़ा। उक्त व्यक्ति की पहचान बबलू बासु, पिता किरण बासु, निवासी मंगलगुंज, जिला उत्तर परगना, पश्चिम बंगाल के रूप में की गई है। वर्तमान में वह नवादा, बहिमर के सुधीर मिश्रा के घर में रहकर अवैध रूप से चिकित्सा कार्य कर रहा था। डॉ. राणा ने बताया कि बबलू बासु के पास किसी प्रकार का चिकित्सीय लाइसेंस या प्रैक्टिस का अधिकृत प्रमाण पत्र नहीं है। इसके बावजूद वह मरीजों का इलाज कर रहा था, जो कि जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है और कानून का उल्लंघन भी।मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के आदेशानुसार इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। स्वास्थ्य विभाग ने इसे जनहित के विरुद्ध बताया है और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है । चिकित्सा प्रभारी ने इस बाबत कटकमसंडी थाना मे केश दर्ज कराया है । उन्होंने कहा कि प्रखंड क्षेत्र मे इन दिनों एक दर्जन से अधिक झोलाछाप चिकित्सक इलाज करने मे लगे है । प्रभारी ने कहा कि झोलाछाप चिकित्सक के खिलाफ लगातार छापामारी अभियान चलाया जायेगा । बताया जाता है कि पिछले कुछ साल प्रखंड के नचले गांव निवासी बुधन सिंह भोगता के पुत्र नेमधारी सिंह भोगता 20 वर्ष को कटकमसंडी के झोलाछाप चिकित्सक कार्तिक चंद्र अधिकारी के इलाज के बाद हाथ का अंगुली काटना पडा था ।उक्त चिकित्सक ने गलत ढंग से सुई देने के बाद नेमधारी सिंह भोगता का पांचों अंगुली काला हो गया जिसके बाद रांची के चिकित्सकों ने उसके जान बचाने को बचाने के अंगुली को काटना पडा था ।
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