सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल निभाएंगे अभिभावक की भूमिका
जमशेदपुर में अभिभावक न होने के कारण बच्चों के नामांकन में समस्या को दूर करने के लिए विभाग ने निर्देश दिए हैं। अब प्रिंसिपल अभिभावक की भूमिका निभाएंगे। नए सत्र में 100% नामांकन का लक्ष्य रखा गया है, और...

अभिवावक न होने के नाम पर बच्चों के नामांकन न होने की परेशानी को विभाग ने किया है दूर क्रासर-
नए सत्र की शुरुआत होने से नामांकन प्रक्रिया भी जारी
-इस बार सौ फीसदी नामांकन कराने का दिया लक्ष्य
जमशेदपुर, संवाददाता
सरकारी स्कूलों में अभिभावक के कारण बच्चों का दाखिला नहीं रुकेगा। अभिभावक की जिम्मेदारी अब स्कूल के प्रिंसिपल ही निभायेंगे। विभाग ने यह निर्देश अभिभावक के अभाव में नामांकन नहीं लेने बच्चों की परेशानी के बाबत लिया है।
दूसरी ओर स्कूलों में नये सत्र के साथ नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बार 100% नामांकन का लक्ष्य रखा गया है। शिक्षकों को अपने पोषण क्षेत्र में जाकर 100% विद्यार्थियों का नामांकन करना है और उन्हें शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ना हैं।
विभाग ने साफ तौर पर निर्देश दिया है कि वैसे विद्यार्थी जिनके अभिभावक नहीं है या एकल अभिभावक हैं या फिर वह किसी अन्य परिवार के सदस्य के साथ रहते हैं तो स्कूल के प्रिंसिपल ही अभिभावक बनाकर नामांकन करवाएंगे। इस बारे में कहा गया कि किसी भी अन्य कारण से विद्यार्थी शिक्षा से वंचित ना हो जिसके लिए अभियान चलाया जा रहा है। स्कूलों में पहली कक्षा से लेकर आठवीं तक के विद्यार्थियों का नामांकन जाएगा। विभाग ने स्कूलों को आंगनबाड़ी केंद्र से विद्यार्थियों की सूची के आधार पर नामांकन करने को कहा गया है। इसके बाद बचे हुए विद्यार्थियों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने को लेकर प्रयास जाएगा।
ठक्कर बापा स्कूल के प्राचार्य पंकज कुमार ने बताया कि स्कूलों में नामांकन अभियान के बाद फिर स्कूल चलें अभियान के तहत पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों को जोड़ा जाएगा। ऐसे विद्यार्थियों के लिए अलग से कक्षाएं संचालित की जाएगी। उनके लिए विशेष कक्षा की व्यवस्था भी जाएगी। विद्यार्थियों के स्कूल स्तर की जांच करने के बाद नामांकन कराया जाएगा।
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