रेलवे के गार्ड और स्टेशन मास्टर बनाए गए कंट्रोलर
चक्रधरपुर मंडल के 26 गार्ड और ट्रेन मैनेजर को बिना रेलवे को सूचित किए आंख का ऑपरेशन कराने के लिए कंट्रोलर बनाया गया है। मुख्यालय से 11 अप्रैल को आदेश जारी हुआ है। रेलवे डेढ़ वर्ष से इस मामले की जांच...

रेलवे को बताए बगैर आंख का ऑपरेशन कराने के कारण चक्रधरपुर मंडल के 26 गार्ड, ट्रेन मैनेजर और स्टेशन मास्टर कंट्रोलर बनाए गए हैं। इन्हें मंडल में ट्रेन परिचालन पर नजर रखने की जिम्मेदारी मिल सकती है। मुख्यालय से 11 अप्रैल को यह आदेश हुआ है। जबकि, लेसिक मामले में विभिन्न श्रेणी के डेढ़ सौ से ज्यादा कर्मचारियों का अभी मेडिकल जांच चल रही है, जिनको तकनीशियन श्रेणी में नियुक्त कराने की तैयारी है, ताकि सेफ्टी कैटेगरी में रिक्त पद को भरा जा सके। बताया जाता है कि विभागीय सूचना के बगैर आंख का ऑपरेशन कराने के मामले में रेलवे करीब डेढ़ वर्ष से जांच और कार्रवाई में जुटा है। परिचालन विभाग के कर्मचारी पहले कार्यालय में नियुक्त किए गए थे, लेकिन अनुभव के कारण उन्हें मुख्यालय में सुरक्षित परिचालन कराने का जिम्मा सौंपा गया है। इससे पूर्व आंख का ऑपरेशन कराने के मुद्दे पर कई रनिंग कर्मचारी बर्खास्त भी हुए थे। इससे रेलवे बोर्ड की पीएनएम में मुद्दा उठने के साथ दक्षिण पूर्व जोन को पुनर्विचार की मांग पर ज्ञापन दिया गया था। इससे फिर से सेवा में लेने की कार्रवाई शुरू है। मालूम हो कि रेलवे हर चार वर्ष में कर्मचारियों का पीएमई (पीरियॉडिक मेडिकल एग्जामिनेशन) कराता है। इससे लोको पायलट, गार्ड, ट्रेन मैनेजर व स्टेशन मास्टर के लेसिक सर्जरी (आंख का ऑपरेशन कराने) का मामला सामने आया था। चार्जशीट की कार्रवाई के बाद मंडल स्तर पर बर्खास्तगी की कार्रवाई से हड़कंप था, जो रेल जीएम के नए आदेश से सामान्य होने लगा है।
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