जिले की 8910 मंईयां को नहीं मिली सम्मान राशि
मार्च में झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान राशि 8910 लाभुकों को नहीं मिली। इनका खाता आधार से न जुड़ने के कारण राशि सीधे नहीं भेजी जा सकी। अब सभी खातों की जांच हो रही है। अप्रैल से लाभुकों को अलग बैंक...

पूर्वी सिंहभूम की 8910 मंईयां को मार्च में भेजी गई झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान राशि नहीं मिली। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से तो राशि नहीं ही गईं, नन डीबीटी की प्रक्रिया से भी नहीं जा सकीं। इसकी कई वजहें रहीं। जिले में इस योजना से जुड़ी ऐसी लाभुकों की कुल संख्या 77 हजार थीं, जिनका खाता आधार से नहीं जुड़ा था। इसे ही बैंक की भाषा में नन डीबीटी कहा गया, क्योंकि इन्हें आधार आधारित बैंक अकाउंट के माध्यम से राशि नहीं भेजी जा सकी। बाद में ऐसी सभी लाभुकों को एक-एक कर राशि भेजी गई। परंतु इनमें से भी 8910 के अकाउंट में राशि नहीं जा सकी।
अब ऐसे सभी अकाउंट की एक-एक कर जांच हो रही है कि उनमें ऐसी क्या त्रुटि है कि उनके खाते में पैसे नहीं जा पा रहे हैं। अगर ऐसी लाभुक के सभी कागजात सही हैं और वह योग्य पात्र हैं तो उसके खाते में राशि भेजी जाएगी, क्योंकि उनके लिए राशि उपलब्ध है। हालांकि अगर लाभुक पात्र नहीं है तो पैसे नहीं दिए जा सकते। पहले एक ही अकाउंट से जुड़े दो-तीन नाम मंईयां योजना 2024 में जब शुरू हुई थी, तब यह छूट दी गई थी कि यदि किसी एक परिवार की दो-तीन आवेदिका हैं और उनका एक ही बैंक अकाउंट है तो वे उसी का उल्लेख कर सकतीं थीं। परंतु अब डीबीटी लागू हो गया है, इसलिए अप्रैल से ऐसी लाभुकों को भी अपना अलग बैंक अकाउंट खुलवाना होगा। लाभुकों की होगी छंटनी, पात्र नहीं होने पर वसूली भी होगी मार्च में भले मंईयां सम्मान राशि मिल गई, परंतु यह आगे भी मिलती रहेगी, इसकी गारंटी नहीं है। पूर्वी सिंहभूम के सभी प्रखंडों व अंचल के मंईयां सम्मान योजना से जुड़े कंप्यूटर ऑपरेटरों को जिला मुख्यालय में 30 अप्रैल को प्रशिक्षण दिया गया है। उन्हें बताया गया कि हर लाभुक के संबंध में बारीकी से जांच करें कि वह पात्र है या नहीं। अगर कोई लाभुक पात्र नहीं है तो उसकी छंटनी करनी है। किन-किन बातों की जांच करनी है, इसके बारे में उन्हें बता दिया गया है। जिन्होंने गलत तरीके से पैसे लिए हैं, उनसे वसूली भी की जाएगी। मार्च में भेजे गए थी प्रति लाभुक 7500-7500 रुपये मार्च में मंईयां योजना की राशि अधिकांश लाभुकों को 7500-7500 रुपये दिए गए हैं। इसकी वजह यह थी कि जनवरी, फरवरी व मार्च की किस्त एक साथ अधिकांश लाभुकों को भेजी गई थी। अब फिर सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद अप्रैल और मई की किस्त के रूप में 5000-5000 रुपये लाभुकों के खाते में भेजे जाएंगे।
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