एमजीएम के मनोचिकित्सा समेत चार विभागों में होगी डीएनबी की पढ़ाई
एमजीएम मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चार विभाग डीएनबी (डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड) की पढ़ाई शुरू करने के लिए आवेदन करेंगे। इन विभागों में पीजी की पढ़ाई नहीं हो रही थी। यह निर्णय हाल ही में रांची में हुई बैठक...

एमजीएम मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चार विभाग डीएनबी (डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड) की पढ़ाई शुरू करने के लिए आवेदन करेंगे। अबतक इन विभागों में एमबीबीएस के बाद कोई कोर्स उपलब्ध नहीं था। एमजीएम अस्पताल में विभिन्न विभागों में पीजी (पोस्ट ग्रेजुएट) की पढ़ाई हो रही है। वहीं, कुल छह विभागों में पीजी की पढ़ाई नहीं हो रही है। इनमें पीएसएम (प्रीवेंशन एंड सोशल मेडिसिन), फॉरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी (एफएमटी), मनोचिकित्सा, रेडियोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री विभाग शामिल हैं। इन विभागों में से दो विभागों एफएमटी और पीएसएम में पीजी की पढ़ाई के लिए आवेदन किया गया है, लेकिन बाकी विभागों में पीजी के लिए आवेदन नहीं किया गया था।
हाल ही में रांची में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जिन मेडिकल कॉलेज के विभागों में पीजी की पढ़ाई नहीं हो रही है, वहां पर डीएनबी की पढ़ाई शुरू करने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए संबंधित विभागों को आवेदन करना होगा। इस संबंध में प्राचार्य ने भी विभागों को निर्देशित किया है। इसके बाद इन चार विभागों ने तैयारी शुरू कर दी है। जल्द ही इन विभागों द्वारा डीएनबी की पढ़ाई के लिए आवेदन किया जाएगा।
कॉलेज में बढ़ सकते हैं शिक्षक
डीएनबी कोर्स शुरू होने के बाद पीजी के छात्रों को तैयार किया जा सकेगा, और भविष्य में वे मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए आवेदन कर सकेंगे। इससे इन विभागों में नए शिक्षक भी मिल सकेंगे। एमजीएम के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. उमाशंकर सिंह ने बताया कि पीजी के बाद छात्रों को तीन साल का एसआर (सीनियर रेजिडेंट) करना होता है, लेकिन डीएनबी के बाद उन्हें चार साल का एसआर के रूप में काम करना होगा। एनएमसी ने इस प्रक्रिया में बदलाव करते हुए अब ऐसे लोगों को असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए आवेदन की अनुमति दी है।
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